मुम्बई: बेहतरीन पोशाकें पहने लोगों का एक समूह, मुम्बई की एक महंगी बार में एक मेज़ पर बैठा हुआ है. टेबल पर ग्लास और छोटी प्लेटें सजी हैं, और पृष्ठभूमि में हल्का जाज़ संगीत चल रहा है.
ग्लास शराब से भरे हुए हैं. आज की रात जिन है तो दूसरी रातों में स्पार्कलिंग वाइन, कॉग्नेक, बूरबॉन, और शैम्पेन होती हैं. इस सब के साथ शेफ ऐसा खाना पेश करता है, जो हर ड्रिंक के साथ बिल्कुल मुनासिब बैठता है, बल्कि उनके स्वाद में भी इज़ाफा करता है.
यहां जिन की कुछ बेहतरीन क़िस्में पेश की जाती हैं- दोजा, पुमोरी, तमारस, तेराई, स्ट्रेंजर एंड संस, और हपूसा- और शेफ आपकी प्लेट में मौजूद खाने के बारे में विस्तार से बताता है.
फिर उस शाम को सजाने वाले निखिल अग्रवाल उस ड्रिंक की बारीकियां बयान करने लगते हैं, जो आपके हाथ में है. उनका मक़सद है कि आप इसके तत्वों को अच्छे से समझ लें- सूंघने और देखने से लेकर, बनावट और स्वाद तक.
अग्रवाल कहते हैं, ‘इसे सूंघिए, इसकी बनावट को पहचानिए…इसे जलन के साथ अपने गले से उतरता हुआ महसूस कीजिए’, और वो मेहमानों से कहते हैं कि ये भी देखिए, कि इसे पेट में दाख़िल होने के बाद कैसा महसूस होता है.
ये एक ठेठ कॉकटेल टेस्टिंग ईवनिंग है, जिसका आयोजन ऑल थिंग्स नाइस ने किया है, जो देश भर में खुल रहे उन बहुत से क्लबों में से एक है, जहां शराब के पारखियों की एक पूरी फसल तैयार की जा रही है.
इसके पीछे विचार ये है कि आप अपनी शराब को केवल पिएं नहीं, बल्कि उसकी सराहना भी करें.
विनायक सिंह और उनकी बिज़नेस पार्टनर स्वाती शर्मा द्वारा, 2019 में शुरू किया गया ऐसा ही एक और क्लब, ड्रैम क्लब भी मौजूद व्हिस्की टेस्टिंग क्लबों के मौजूदा एकाधिकार को तोड़कर, इस अनुभव को ‘लोकतांत्रिक’ बनाना चाहता है.
2013 में शुरू किया गया ऑल थिंग्स नाइस, अलग अलग शहरों की फैंसी जगहों पर साप्ताहिक टेस्टिंग इवेंट्स या डिनर आयोजित करता है. हर आयोजन के लिए ये 3,000 से लेकर 7,000 रुपए तक वसूलता है.
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संस्थापक और परिचारक अग्रवाल ने दिप्रिंट को बताया, कि जो लोग इनमें शरीक होना चाहते हैं वो ऑल थिंग्स नाइस की वेबसाइट, या सोशल मीडिया पन्नों पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
बेहतर स्वाद
संस्थापकों का कहना है कि ऐसे क्लब शुरू करने के पीछे विचार ये था, कि व्हिस्की के जुनूनी भारत के लोग स्पिरिट के बारे में, बल्कि किसी भी एल्कोहल के बारे में कुछ नहीं जानते.
सिंह ने कहा, ‘हमने देखा कि भारत के लोग हर समय व्हिस्की की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने दो अच्छे ब्राण्ड्स से ज़्यादा कुछ नहीं देखा होता. ड्रैम क्लब स्थापित करने के पीछे कारण ही व्हिस्की प्रेम था, और इसके बारे में जानकारी साझा करना था, और साथ ही एक मक़सद ये भी था, कि लोग बोतल के लेबल से आगे भी देखें’.
सिंह ने कहा कि व्हिस्की या किसी भी दूसरी शराब के बारे में, हम उसकी बारीकियों में नहीं जाते.
ड्रैम क्लब के सिंह ने दिप्रिंट से कहा, ‘इसलिए, अक्तूबर 2018 में जब हम स्कॉटलैण्ड गए और वहां शराब की भट्टियां देखीं, तो वहां की कारीगरी, वहां के विज्ञान, और वहां की विरासत ने हमें बहुत आकर्षित किया’.
ऑल थिंग्स नाइस की शामों के बारे में बात करते हुए, अग्रवाल ने कहा कि वो महीने में एक बार व्हिस्की-चखने का कार्यक्रम आयोजित करते हैं. अग्रवाल ने आगे कहा, ‘हम किसी बहुत अच्छी जगह का चुनाव करते हैं. हम चाहते हैं कि हमारे मेहमानों का अनुभव बेहतरीन रहे, इसलिए हम मेन्यू से लेकर संगीत और जगह तक, किसी चीज़ पर समझौता नहीं करते’.
ऑल थिंग्स नाइस की एक ठेठ शाम आपको शहर के कुछ टॉप बार और होटलों में ले जाएगी. आमतौर पर उनके वेन्यू मुम्बई में ताज लैण्ड्स एंड, जेडब्लू मैरिएट होटल्स, और पर्च होते हैं, और दिल्ली में रिट्ज़-कार्लटन, आईटीसी गार्डेनिया, और जेडब्लू मैरिएट होते हैं.
अग्रवाल ने कहा, ‘हम एक 7-कोर्स भोजन की व्यवस्था करते हैं, और ये ध्यान रखते हैं कि किस भोजन के साथ कौन सी शराब सबसे अच्छी रहेगी, और आपका स्वाद वास्तव में कैसे बढ़ेगा’. उन्होंने आगे कहा, ‘हमने एक शाम का आयोजन किया, जिसमें एड गुरु सुभाष कामत ने जाज़ संगीत बजाया, और हमने ऐसी व्हिस्की पेश की जो एक ख़ास तरह के संगीत के साथ चलती है’.
ड्रैम क्लब ‘मास्टर क्लासेज़’ आयोजित करता है, जिनमें मेहमानों को एक एक ग्लास करके, अलग अलग क़िस्म की व्हिस्कियों के अनुभव से गुज़ारा जाता है.
सिंह ने कहा, ‘बहुत मरतबा और लोगों को कहते हुए सुनते हैं, कि उन्हें स्कॉच या सिंगल-मॉल्ट बहुत पसंद है. लेकिन वो आमतौर से ये नाम यूंही उछाल देते हैं, जबकि उन्हें पता नहीं होता कि असल में उनका मतलब क्या है’.
उन्होंने आगे कहा, ‘हम लोगों की सहायता करते हैं, कि वो अपनी व्हिस्की की भाषा को समझें, और फिर धीरे धीरे उसकी सराहना करें. हम उन्हें बताते हैं कि इनके साथ, वो किस तरह के कॉकटेल बना सकते हैं. ये बहुत इंटरेक्टिव सेशन होते हैं, जिनके साथ आमतौर पर पांच-कोर्स डिनर होता है. डिनर की हर डिश उस व्हिस्की की महक को और ज़्यादा उभार देती है’.
हालांकि एक विश्व-स्तर का अनुभव, ड्रैम क्लब की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर होता है, लेकिन एक दूसरा मक़सद ये भी है, कि मुम्बई में हाई-प्रोफाइल व्हिस्की-टेस्टिंग ग्रुप्स की विशिष्टता को ख़त्म किया जाए.
सिंह ने कहा, ‘स्कॉटलैण्ड में लोग आपको अच्छी व्हिस्की पेश करते हैं, जैसे भारत में हम चाय पेश करते हैं. वहां पर ये उतनी प्रतिष्ठित नहीं समझी जाती, जितनी यहां पर है’. उन्होंने आगे कहा, ‘हमने देखा कि शहर में व्हिस्की चखने वाले ग्रुप्स तो हैं, लेकिन वो सब बहुत विशिष्ट हैं. वहां तक पहुंचने के लिए भी आपको किसी की सिफारिश चाहिए होती है. हम चाहते थे कि इस अनुभव को ज़्यादा लोगों तक ले जाया जाए, और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को ड्रैम क्लब में आमंत्रित करके, उन्हें दुनिया की बेहतर व्हिस्कियों का स्वाद चखाया जाए’.
ऐसा लगता है कि ये अनुभव ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है. एक मुम्बई-स्थित फिल्म निर्माता, जो ऑल थिंग्स नाइस के एक आयोजन में शरीक हुए, ने कहा कि क्लब के साथ ये उनका पहला टेस्टिंग आयोजन था, और वो इससे ‘प्रभावित’ हुए थे.
फिल्म-निर्माता ने आगे कहा, ‘मैं अपनी जिन और व्हिस्की के मज़े लेता हूं, लेकिन सच कहूं तो इससे पहले मैं उन्हें ठीक से समझा नहीं था. आप समझ रहे हैं मेरा मतलब?’ ये जिन की कॉकटेल टेस्टिंग इवेंट थी, और मैं आगे भी उसमें शरीक होना चाहूंगा’.
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