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Monday, 6 May, 2024
होमदेशयोगी सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती के लिए आयु में दी 3 साल की छूट तो झूमे उम्मीदवार

योगी सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती के लिए आयु में दी 3 साल की छूट तो झूमे उम्मीदवार

यूपी में पुलिस कांस्टेबल पदों के लिए आवेदन करने वाले जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में छूट की मांग को विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं का भी समर्थन मिला.

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लखनऊ: पिछले पांच वर्षों से भर्ती शुरू होने का इंतजार कर रहे सामान्य वर्ग के नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के विरोध का सामना कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कांस्टेबलों की भर्ती में उम्मीदवारों को तीन साल की छूट देने का एलान किया है.

इस तरह से पिछलीबार भर्ती नवंबर 2018 में हुई थी, जिसमें राज्य में नियुक्तियों में रुकावट का एक कारण कोविड महामारी को बताया गया था.

शनिवार को सरकार ने कांस्टेबलों के 60,244 पदों के लिए रिक्तियों का विज्ञापन दिया, जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 24,102, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 6,024, ओबीसी के लिए 16,264, एससी के लिए 12,650 और एसटी के लिए 1,204 पद शामिल हैं.

जबकि यूपी सरकार की अधिसूचना – जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है – ने सामान्य वर्ग के पुरुष आवेदकों के लिए 1 जुलाई को आयु सीमा 18 वर्ष से अधिक और 22 वर्ष से कम निर्धारित की, महिला उम्मीदवारों के लिए यह 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष से कम थी. . इसमें कहा गया है कि ओबीसी, एससी, एसटी आवेदकों को आयु सीमा से छूट मिलेगी.

इस विज्ञापन से जेनरल कैटगरी के युवाओं में नाराज़गी और गुस्से का माहौल बन गया. जिनमें से लाखों ने भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में पुलिस भर्ती के लिए खूब तैयारिया की थी वे लखनऊ के इको गार्डन में एकत्रित हुए और सड़क पर उतर जेनरल कैटेगरी के लिए निर्धारित आयु सीमा के विरोध में आंदोलन किया.

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लोकसभा चुनाव केवल पांच महीने दूर होने और विभिन्न राजनीतिक दलों से आ रहे अनुरोधों के बीच, यूपी सरकार ने मंगलवार को सभी उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट दे दी. एक बयान में, सरकार ने कहा कि वह युवाओं के हितों और उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है.


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क्या बोले प्रत्याशी और नेता

अमरोहा से आए आवेदकों में से एक रमेश सिंह ने कहा, “जब राजस्थान, एमपी, बिहार और झारखंड जैसे अन्य राज्यों ने उम्र में छूट दी है, तो यूपी में क्या समस्या है? जब आखिरी भर्ती 2018 में हुई थी, तो ज्यादातर आवेदक कम उम्र के थे, अब जब सरकार पांच साल बाद रिक्तियां भर रही है, तो हमारी क्या गलती है?”

बलिया के मूल निवासी दीपक ने कहा, “पांच साल तक, यूपी पुलिस द्वारा कोई भर्ती नहीं की गई. कोविड ने कई चीजें स्थिर कर दीं, भर्तियां रुक गई थीं. हम पिछले पांच साल से तैयारी कर रहे हैं और ओवरएज हो गए हैं. हमारी गलती क्या है? यदि सरकार वर्षों तक अधिसूचना जारी नहीं करती है तो युवा आयु सीमा पार करते रहेंगे. ”

जैसे ही विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला और सोशल मीडिया पर ‘यूपी के उच्च जाति के आवेदकों को न्याय’, ‘यूपी के सवर्ण विधायक गूंगे हैं’ जैसे हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा. यह देख पश्चिमी यूपी के बीजेपी विधायक भी विरोध करने वाले आवेदकों के साथ खड़े हो गए.

समाजवादी पार्टी प्रमुख और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने रविवार को “बेरोजगार युवाओं” की एकजुटता में ट्वीट किया.

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ सरकार युवाओं के अधिकार छीनना चाहती है.

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने रविवार को सीएम को पत्र लिखकर बताया कि पुलिस कांस्टेबल की आखिरी भर्ती 16 नवंबर, 2018 को हुई थी.

सीएम से युवाओं की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और आयु में छूट प्रदान करने का आग्रह करते हुए चौधरी ने लिखा, “पांच साल में कोई भर्ती नहीं होने के कारण राज्य के लाखों युवा ओवरएज हो गए हैं. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान भर्ती में आयु में छूट के लिए लाखों युवाओं की मांग बिल्कुल वास्तविक और निष्पक्ष है. ”

आरएलडी विधायक पर्सन कुमार ने भी सीएम को पत्र लिखकर आवेदकों की ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का अनुरोध किया.

अपने प्रतिद्वंद्वियों की तरह, पश्चिमी यूपी के कई भाजपा नेता भी यही अनुरोध लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचे. जहां भाजपा विधायक संगीत सोम ने सामान्य वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए आयु सीमा में पांच साल की छूट देने की मांग की, वहीं केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यह तीन साल होनी चाहिए.

अनूपशहर विधायक संजय शर्मा ने सोमवार को पत्र लिखकर सीएम से सामान्य और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में दो-तीन साल की छूट देने का अनुरोध किया.

मंगलवार को जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह समेत दो भाजपा नेताओं ने लखनऊ में सीएम से उनके आवास पर मुलाकात की और उनसे सामान्य वर्ग के आवेदकों को आयु सीमा में छूट देने का अनुरोध किया.

सिंह ने दिप्रिंट को बताया, “यह उन युवाओं की बहुत वास्तविक मांग है जो पिछले पांच वर्षों से भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. कोविड महामारी के दौरान, कोई भर्ती नहीं हो सकी और लाखों युवा भर्ती शुरू होने का इंतजार करते रहे, जिससे उनकी उम्र अधिक हो गई. सीएम ने मांग पर सहमति व्यक्त की है और आश्वासन दिया है कि आयु सीमा में छूट दी जाएगी.”

सरकार द्वारा आयु में छूट की अपील पर विचार करने के बाद, आरएलडी प्रमुख ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह “जन्मदिन का उपहार” है (27 दिसंबर को जयंत का जन्मदिन है). उन्होंने कहा कि योगी ने सही फैसला लिया है और रालोद ने प्रभावी ढंग से मांग उठाई है.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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