(सुमीर कौल)
नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) कबीर ने 19 महीने पहले कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारे गए अपने पिता कर्नल मनप्रीत सिंह की चिता को मुखाग्नि दी थी। बृहस्पतिवार को उसने अपनी मां को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपने पिता को मरणोपरांत दिया गया ‘कीर्ति चक्र’ सम्मान हासिल करते देखा। बावजूद इसके कबीर को उम्मीद है कि कर्नल मनप्रीत एक दिन घर लौटेंगे।
दस साल का कबीर अपने जीवन के इस कड़वे सच को न तो स्वीकार कर पा रहा है और न ही नकार पा रहा है। बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के बाद उसने अपनी मां जगमीत का हाथ कसकर पकड़ लिया और कहा, “इस सम्मान के लिए शुक्रिया पापा।”
कबीर ने यह भी कहा, “अब पापा वापस आएंगे, मिशन खत्म होगा अब।”
कबीर को लगता है कि इस सम्मान का मतलब यह है कि उसके पिता जीवित हैं और जहां भी हैं सुरक्षित हैं।
कीर्ति चक्र, अशोक चक्र के बाद शांति काल में दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है।
जगमीत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनका परिवार और बच्चे (10 साल का कबीर और पांच साल की वाणी) मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कबीर और वाणी अभी इस कड़वे सच को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
जगमीत ने कहा, “मेरे पति ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और यह हमारे परिवार के लिए गर्व का पल है। लेकिन मेरे बच्चों को यह समझाना निश्चित रूप से कठिन है।”
उन्होंने कहा कि कबीर की बात उनकी आंखों में आंसू और होठों पर मुस्कान ले आई।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कर्नल मनप्रीत को मरणोपरांत दिया गया ‘कीर्ति चक्र’ उनकी पत्नी जगमीत और मां मनजीत कौर को प्रदान किया।
जगमीत ने बताया कि कर्नल मनप्रीत की शहादत के बाद कबीर रोज उनके मोबाइल फोन पर वॉयस मैसेज भेजता और उनसे वापस आने या कम से कम एक वीडियो कॉल करने की गुहार लगाता। उन्होंने बताया कि कबीर धीरे-धीरे बोलता, ताकि वह उसकी बात न सुन सकें।
कर्नल मनप्रीत 13 सितंबर 2023 को दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के गडूल गांव के आसपास के जंगलों में आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ के बाद एक संयुक्त अभियान के दौरान तीन अन्य सुरक्षाकर्मियों के साथ शहीद हो गए थे।
मुठभेड़ के दौरान जान गंवाने वाले अन्य सुरक्षाकर्मियों में मेजर आशीष धोंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट और सिपाही प्रदीप सिंह शामिल थे।
भट को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जबकि सिंह और धोंचक को शौर्य चक्र से नवाजा गया।
जगमीत ने कर्नल मनप्रीत के साथ हुई आखिरी बातचीत को याद किया, जो महज 32 सेकेंड की थी। उन्होंने बताया, “(कर्नल मनप्रीत ने कहा था) ऑपरेशन में हूं। इसके बाद मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई।”
भाषा पारुल प्रशांत
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