नई दिल्ली : राज्य सभा में गुरुवार को जासूसी को लेकर चर्चा हुई. पिछले कुछ दिनों पहले ये बात सामने आई थी कि इजरायली पैगासस स्पाइवेयर के जरिए भारत में कुछ लोगों की जासूसी की गई. इस विषय पर सदन में हो रही चर्चा में सांसदों ने सरकार से कई सवाल पूछे. आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सभी सवालों का जवाब दिया.

प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि डाटा सुरक्षा को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है और वो इसके लिए लगातार काम भी कर रही है. वहीं कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने सरकार से ये सवाल पूछा कि निजता के अधिकार का जो हनन हो रहा है उसके लिए वो क्या कर रही है. दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि डाटा की चोरी उसकी सहमति से हो रही है.

सवाल के जवाब में आईटी मंत्री प्रसाद ने कहा कि कानून के तहत इससे निपटने के लिए हर संभव काम किया जाएगा. सरकार लोगों के प्रति और उसकी निजता के प्रति प्रतिबद्ध है.

‘जासूसी जिस भी सत्ता के चरित्र में आ जाए तो उसके अपने लोग भी महफूज नहीं होते’

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने आईटी मंत्री से पूछा कि अगर व्हाट्सएप ने सरकार को पहले से ही आगाह कर दिया था तो इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की जासूसी कराई है. जब देश के लोगों की निजता का हनन हो रहा था तब सरकार क्या कर रही थी.

सिंह ने कहा कि मंत्री जी इस बारे में सदन को बताएं कि सरकार इसे गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है. उन्होंने कुडनकुलम संयंत्र पर हुए साइबर अटैक पर भी सरकार को घेरा और जवाब मांगा. सिंह ने पूछा कि क्या भारत की किसी कंपनी ने इजरायली कंपनी एनएसओ के साथ कोई डील की है? उन्होंने कहा कि ये जासूसी पैगासस के मार्फत इजरायली कंपनी ने किया है. सरकार को पता है कि चोर कौन है लेकिन वह कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री जी ये बताएं कि किस-किस का फोन हैक हुआ है और क्या व्हाट्सएप ने जानकारी सरकार को दी है?


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सिंह ने आईटी मंत्री से पूछा कि भीमा-कोरेगांव मामले में किन लोगों के फोन हैक किए गए हैं. इसकी जानकारी सरकार दे. उन्होंने कहा कि गूगल के जरिए भी जासूसी हुई है. आरोप लगाया कि सरकार और उसके बड़े नेताओं को इसके बारे में पता था लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया. सिंह ने कहा कि इस पर सभी पार्टियां मिलकर जेपीसी गठित करने की मांग करें.

वहीं मामले पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, ‘व्हाट्सएप ने दो बार आगाह किया लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया. ये सॉफ्टवेयर बुरी चीज है. जासूसी जिस भी सत्ता के चरित्र में आ जाए तो उसके अपने लोग भी महफूज नहीं होते.’

राज्यसभा में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि निजता मौलिक अधिकार है. सिन्हा ने कहा कि देश के भीतर अब ये खतरा नहीं है कि लोगों की जासूसी हो रही है. कंपनी और मीडिया कंपनी में फर्क होता है. इसे समझना जरूरी है.

सिन्हा ने आईटी मंत्री से पूछा कि साइबर सेक्योरिटी की दिशा में बजट बढ़ाने को लेकर सरकार क्या सोच रही है. उन्होंने मंत्री से पूछा कि जो मैसेज शेयर करते हैं उसे हैक करने वाले को सजा देने के लिए क्या किया जाएगा?

उन्होंने दिग्विजय सिंह की बात पर आपत्ति जताई कि वो इसे राजनीतिक विषय बनाकर अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं.

डिजिटल सुरक्षा के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध : प्रसाद

रविशंकर प्रसाद ने सांसदों के सवाल के जवाब में कहा कि हम डिजिटल वर्ल्ड में रह रहे हैं. देश में 120 करोड़ मोबाइल फोन हैं और 124 करोड़ आधार कार्ड. डिजिटल इंडिया के जरिए एक इकोसिस्टम बना है. इस पर कई राज्य सरकारें अच्छा काम कर रही हैं और हम भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि तकनीक का विस्तार होता रहता है. प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक आतंकवादी और एक भ्रष्टाचारी को निजता का अधिकार पाने का कोई हक नही है.

प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण इलाके में रिक्शा और ठेले वाले भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राइवेसी और देश की सुरक्षा के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए इस पर सरकार विचार कर रही है.

मंत्री ने कहा कि भारत अपनी डाटा संप्रभुता पर कभी कोई समझौता नहीं करेगा. ट्रैसेबिलिटी का जो विषय हमने उठाया था उसका कई देशों ने स्वागत किया है लेकिन जो मैसेज हिंसा भड़काते हैं उस पर नियंत्रण करना जरूरी है. प्रसाद ने कहा कि पाकिस्तान से भी सुरक्षा का खतरा है.

प्रसाद ने कहा कि व्हाट्सएप से हमारी इस पर बात हो रही है कि वो ऐसे लोगों की जानकारी हमें दें जो हिंसा के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने जो किया वो हम बता रहे हैं और जो करेंगे वो आगे बता देंगे.

प्रसाद ने कहा, ‘अभी तक व्हाट्सएप ने हमें 121 नाम नहीं दिए हैं.’


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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार किसी भी जांच में शामिल नहीं होगी. जिस किसी को भी इससे दिक्कत है तो वो केस करें. जो भी हमसे उन्हें मदद चाहिए होगी हम वो करेंगे.

प्रसाद ने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साइबर स्किलिंग के लिए हम काम कर रहे हैं और डिजिटल सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.

व्हाट्सएप का खुलासा

व्हॉट्सएप ने सितंबर में भारत सरकार को बताया था कि 121 भारतीय प्रयोगकर्ताओं को इजरायली स्पाइवेयर पेगासस ने निशाना बनाया है. वहीं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा था कि उसे व्हॉट्सएप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी.

व्हॉट्सएप ने बताया कि उसने सरकार को सितंबर में भी इसके बारे में सतर्क किया था. मई में इसकी जानकारी देने के बाद सितंबर में दूसरी बार सरकार को जानकारी दी गई थी.

आईटी मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात को माना कि उन्हें पूर्व में भी व्हॉट्सएप से इस बारे में सूचना मिली थी लेकिन उन्होंने कहा कि पहले मिली सूचना अपर्याप्त और अधूरी थी. साथ ही उसमें काफी अधिक तकनीकी शब्दावली का इस्तेमाल किया गया था.

बता दें कि व्हॉट्सएप ने कहा था कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों ने दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की. इनमें भारतीय पत्रकार और कार्यकर्ता भी शामिल हैं.

सोशल मीडिया कंपनी ने कहा था कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है. यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है. समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये कुछ इकाइयों के जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं. इन इकाइयों का नाम नहीं बताया गया है लेकिन कहा गया है जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं वे चार महाद्वीपों में फैले हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं.


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हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं.

इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के अनुसार, 20 मई 2019 को व्हाट्सएप ने सर्ट-इन टीम को सूचित किया कि उसने एक कमजोरी का पता लगाया है जिससे कोई हमलावर मोबाइल उपकरणों में कोड डाल कर इसे कार्यान्वित कर सकता है. व्हाट्सएप ने यह भी बताया कि इस कमजोरी को दूर कर दिया गया व इसका अब इस्तेमाल हमले के लिए नहीं किया जा सकता.