नई दिल्ली : दुनियाभर में चर्चित रहे एक म्यूजिक कंपोजर लुडविग वैन बीथोवेन के बारे में माना जा रहा है कि वह हेपेटाइटिस बी से संक्रमित थे और इसकी वजह से ही उनका लिवर खराब हो गया था. यही नहीं, इसके साथ काफी ज्यादा मात्रा में शराब पीना भी 56 साल की उम्र में उनकी मृत्यु का वजह हो सकता है. शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष उनके बालों की जीनोम सीक्वेंसिंग के आधार पर निकाला है.
करंट बायोलॉजी में प्रकाशित, शोध दरअसल उन बीमारियों का पता लगाने के लिए किया गया जिन्होंने बीथोवेन को जीवनभर परेशान किया. गौरतलब है कि बीथोवेन 1818 में 44-45 वर्ष की आयु पार करने के समय तक पूरी तरह से बहरे हो गए थे.
अध्ययन करने वाली टीम में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ईरा एफ ब्रिलियंट सेंटर फॉर बीथोवेन स्टडीज, अमेरिकन बीथोवेन सोसाइटी, केयू ल्यूवेन, एंसेंट्री टेस्टिंग फर्म फैमिलीट्रीडीएनए, यूनिवर्सिटी अस्पताल बॉन और बॉन यूनिवर्सिटी, बीथोवेन-हॉस-बॉन, और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के शोधकर्ता शामिल थे.
टीम ने बालों के आठ नमूनों का प्रमाणीकरण टेस्ट किया, जिनके बारे में माना जाता है कि वे बीथोवन के थे. इन्हें यूके, यूरोप और यूएस में सार्वजनिक और निजी संग्रहकर्ताओं से हासिल किया गया था.
शोध से पता चलता है कि बीथोवेन के जीवन के आखिरी 7 वर्षों के दौरान के बालों के पांच लॉक किसी एक ही व्यक्ति के हैं और म्यूजिक कंपोजर के डॉक्यूमेंटेड वंश से मेल खाते हैं.
अन्य लॉक म्यूजिशियन फर्डिनेंड हिलर की तरफ से बीथोवेन के सिर से काटे गए माने जाते हैं, जो उस समय 15 वर्ष के थे, और उन्हें ‘हिलर लॉक’ के रूप में जाना जाता है.
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बीथोवेन की बीमारी की क्या थी वजह
टीम ने बीथोवेन के पुराने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों और उनकी मृत्यु का कारण वाली लिवर संबंधी बीमारी के साथ संभावित आनुवांशिक कारणों की भी जांच की है.
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि बीथोवेन के हेपेटाइटिस बी संक्रमित होने के बीच शराब के अत्यधिक सेवन और आनुवंशिक रोगों ने उनकी सेहत बिगाड़ी और संभवत: यही उनकी मौत का कारण भी रहा होगा.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिस्टन बेग—जो अध्ययन के प्रमुख लेखक भी हैं—का कहना है, ‘हम बीथोवेन की ‘कन्वर्सेशन बुक्स’ (जिन्हें उनकी तरफ से अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद के लिए उपयोग किया जाता था) से यह अनुमान लगा सकते हैं कि जीवन के आखिरी दशक में वह बहुत ही ज्यादा शराब पीने लगे थे. हालांकि, उसकी मात्रा को लेकर कोई ठोस अनुमान लगाना मुश्किल है.’
उन्होंने कहा कि बीथोवेन के समकालीन दावा करते हैं कि उनका शराब पीने की मात्रा 19वीं सदी के विनीज मानकों के अनुसार मध्यम स्तर की थी लेकिन ‘इन स्रोतों को लेकर कोई पूर्ण सहमति नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘यदि वह काफी लंबे समय तक पर्याप्त मात्रा में शराब का सेवन करते रहे होंगे तो उनके आनुवांशिक रोगों के मद्देनजर सिरोसिस की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.’
बीथोवेन को सुनाई देना बंद होने के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं, आनुवांशिक कारणों को भी काफी हद तक जिम्मेदार माना जा रहा है.
शोधकर्ता टीम का हिस्सा रहे इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन जेनेटिक्स, यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ बॉन के डॉक्टर एक्सेल स्मिद का कहना है, ‘हालांकि, बीथोवेन को सुनाई देना बंद होने के किसी स्पष्ट आनुवंशिक कारण की पहचान नहीं की जा सकी है. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की किसी संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता है.’
उन्होंने यह भी कहा कि बालों के नमूनों के आधार पर निकाले गए निष्कर्ष बीथोवेन के बहरे होने के अनुवांशिक कारणों को जाहिर नहीं करते हैं.
स्मिद ने कहा कि चूंकि संदर्भ डेटा—जो व्यक्तिगत जीनोम व्याख्या के लिए अनिवार्य है—लगातार बेहतर हो रहा है, ‘इसलिए, संभव है कि भविष्य में होने वाले अध्ययनों में बीथोवेन के जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिये उन्हें सुनाई देना बंद होने के स्पष्ट कारण ढूंढ़े जा सकें.’
यद्यपि, म्यूजिक कंपोजर की पुरानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी शिकायतों के लिए आनुवांशिक कारण खोजना असंभव था लेकिन शोधकर्ता कहते हैं कि जीनोमिक डेटा के आधार पर, ‘सीलिएक रोग और लैक्टोज से एलर्जी’ की बहुत ज्यादा संभावना नहीं है.
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी से जुड़े टीम के एक अन्य सदस्य जोहान्स क्राउज ने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर यह नहीं कह सकते कि बीथोवेन की मौत कैसे हुई, लेकिन अब हम कम से कम महत्वपूर्ण वंशानुगत बीमारियों और हेपेटाइटिस-बी वायरस के संक्रमण की पुष्टि कर सकते हैं. साथ ही हम इसके पीछे कई अन्य आनुवांशिक कारण न होने की भी पुष्टि कर सकते हैं.’
शोधकर्ताओं ने ‘हिलर लॉक’ संबंधी पिछले अध्ययन को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि बीथोवेन की मृत्यु ‘सीसा विषाक्तता’ से हुई थी. इसे उनकी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का एक प्रमुख कारण माना जाता रहा है, जिसमें उन्हें सुनाई देना बंद होना शामिल है.
बेग ने कहा, ‘चूंकि अब हम जानते हैं कि हिलेर ने जो लॉक दिया था, वह एक महिला की तरफ से दिया गया था न कि बीथोवेन की तरफ से. ऐसे में पूर्व में केवल उस लॉक पर आधारित कोई भी विश्लेषण बीथोवेन पर लागू नहीं होता. आने वाले समय में सीसा, अफीम और पारा संबंधी कोई भी टेस्ट प्रमाणित नमूनों पर आधारित होना चाहिए.’
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