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Monday, 18 November, 2024
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हामिद अंसारी ने जो कहा, वो गलत था : रिजिजू

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नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ से जुड़े उनके बयान को लेकर निशाना साधा। रिजिजू ने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति ने जो कहा है, वो ‘गलत’ है और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य के तौर पर वह गर्व से कह सकते हैं कि भारत सबसे सुरक्षित राष्ट्र है।

इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) की ओर से बुधवार को आयोजित एक वर्चुअल परिसंवाद में अंसारी और चार अमेरिका सांसदों ने भारत में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई थी।

रिजिजू ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘हामिद अंसारी जी ने जो कहा वो गलत है। मैं एक अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखता हूं और मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारत सबसे सुरक्षित राष्ट्र है। हमारे किसी भी पडो़सी देश में समस्याओं का सामना करने वाले अल्पसंख्यक भारत में शरण लेना बेहतर समझते हैं, क्योंकि भारत सुरक्षित है। हमें अपने महान देश का आभारी होना चाहिए।’

आईएएमसी की चर्चा में हिस्से लेते हुए अंसारी ने कहा था, ‘हाल के वर्षों में, हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत पर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई व काल्पनिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देती हैं।’

उपराष्ट्रपति ने आरोप लगाया था, ‘ये प्रथाएं और प्रवृत्तियां नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति, भिन्नता और असुरक्षा के भाव को बढ़ावा देती हैं।’

अंसारी के बयान पर आपत्ति जताते हुए रिजिजू ने कहा, ‘व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर कुछ घटनाएं जरूर होती हैं, लेकिन भारतीय संस्कृति हमेशा समावेशी रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले सांप्रदायिक दंगे और हिंसा आम थी, लेकिन भारत अब अधिक शांतिपूर्ण है।

रिजिजू ने कहा, ‘‘भारत में सर्वोत्तम स्वतंत्रता एवं विशेषाधिकार प्राप्त कुछ लोग क्यों विदेशों में स्थित भारत विरोधी शक्तियों द्वारा चलाए जाने वाले भारत विरोधी दुष्प्रचार में शामिल हो जाते हैं? भारत को बदनाम करके उन्हें क्या संतोष हासिल होता है? दूरदराज के क्षेत्रों में बिना सुविधाओं के रहने वाले लोग मातृभूमि के प्रति कम से कम वफादार तो होते हैं।’’

भाषा पारुल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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