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Wednesday, 26 June, 2024
होमदेशबृजभूषण सिंह को पॉक्सो केस में मिली बड़ी राहत, दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न के लिए दाखिल किया आरोपपत्र

बृजभूषण सिंह को पॉक्सो केस में मिली बड़ी राहत, दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न के लिए दाखिल किया आरोपपत्र

दिल्ली पुलिस ने बताया, पॉक्सो मामले में, जांच पूरी होने के बाद, हमने शिकायतकर्ता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है.

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नई दिल्ली: डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की.

दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निर्वतमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न तथा पीछा करने के अपराधों के लिए आरोपपत्र दाखिल किया और एक नाबालिग पहलवान द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की भी सिफारिश की.

दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नालवा ने एक बयान में कहा, ‘‘ पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता तथा खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 के तहत पुलिस की एक रिपोर्ट दाखिल की है.’’

सिंह ने बताया कि अन्य पहलवानों द्वारा दर्ज कराई शिकायत पर आधारित दूसरे मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.

इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी. कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलने पर केस रद्द करने की रिपोर्ट दाखिल की जाती है. विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा, “हमने पॉक्सो मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी है. सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई है.” रिपोर्ट 500 से अधिक पृष्ठों की है.

श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि रद्द करने की रिपोर्ट दायर कर दी गई है और संबंधित अदालत अगली तारीख पर रिपोर्ट पर विचार करेगी.

दिल्ली पुलिस ने बताया, “पॉक्सो मामले में, जांच पूरी होने के बाद, हमने शिकायतकर्ता यानी नाबालिग पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है”.

एक नाबालिग पहलवान के पिता ने पिछले हफ्ते एक टेलीविजन चैनल से कहा था कि उन्होंने बृजभूषण सिंह के खिलाफ मामले के संबंध में बयान में ‘सुधार’ किया है और उन्होंने ‘गुस्से में’ उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है.

बजरंग पुनिया ने बाद में कहा कि नाबालिग लड़की के पिता ने कहा था कि वह “बहुत दबाव में थे” और पूरा परिवार “डिप्रेशन” में था.

उन्होंने कहा था कि अगर सरकार के आश्वासन के मुताबिक 15 जून तक पहलवानों की शिकायत में चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है तो पहलवान और बड़ा प्रदर्शन करेंगे.

उन्होंने बताया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के एक निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (यदि कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि दुष्प्रेरित कार्य उकसाने के परिणामस्वरूप किया जाता है और जहां उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान न हो), 354, 354ए और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.


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