कोलकाता/हावड़ा, 22 फरवरी (भाषा) छात्र नेता अनीस खान की मौत की जांच के सिलसिले में मंगलवार को दो पुलिसकर्मी और एक नागरिक स्वयंसेवी को निलंबित कर दिया गया। वहीं, खान के परिवार ने मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए विशेष जांच टीम के सदस्यों से बातचीत करने से इनकार कर दिया।
इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ अमता पुलिस थाना (हावड़ा जिला ) के एक सहायक उपनिरीक्षक, एक कांस्टेबल और एक नागरिक स्वयंसेवी को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई अनीस खान मामले की जांच के सिलसिले में की गई है।’’
इस बीच, खान के लिए न्याय की मांग कर रहे आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच मंगलवार को यहां झड़प हुई। खान की पिछले हफ्ते कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।
छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों ने एक मार्च में हिस्सा लिया और डलहौजी इलाके में रायटर्स बिल्डिंग की ओर बढ़ने से पहले पार्क सर्कस चौराहे पर एक मानव श्रृंखला बनाई।
बाद में, उन्होंने अपना मार्ग बदल लिया और कॉलेज स्ट्रीट पर जाने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए अवरोधक लगा रखे थे।
पुलिस ने अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।
पुलिस ने बताया कि कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस और नागरिक स्वयंसेवियों की वर्दी पहने चार लोगों ने खान को 18 फरवरी की रात हावड़ा जिला स्थित उसके घर की तीसरी मंजिल से कथित तौर पर धक्का दे दिया था।
खान, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से संबद्ध था और वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ कोलकाता में एक मुख्य प्रदर्शनकारी रहा था। बाद में, वह इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) में शामिल हो गया था।
राज्य सरकार ने उनकी कथित हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की है।
हालांकि, खान के पिता सलीम ने कहा, ‘‘मेरा राज्य पुलिस पर विश्वास नहीं है। मैं सीबीआई जांच चाहता हूं।’’ खान के परिवार ने उसके शव का फिर से परीक्षण करने की भी मांग की।
भाषा सुभाष नेत्रपाल
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