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सोमवार, 5 मई, 2025
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पश्चिम बंगाल एसएससी ने शिक्षकों की नौकरी के फैसले पर पुनर्विचार के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया

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नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) ने राज्य संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने के फैसले की समीक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल, 2024 के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया गया था और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘‘भ्रष्ट’’ करार दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने 17 अप्रैल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बेदाग पाए गए बर्खास्त शिक्षकों की सेवाओं को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। ऐसा राज्य सरकार की इस दलील पर गौर करने के बाद किया गया था कि सामूहिक बर्खास्तगी से स्कूलों में पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका तीन मई को शीर्ष अदालत में दायर की गई थी और आगामी दिनों में इस पर विचार किया जा सकता है।

प्रधान न्यायाधीश द्वारा लिखे गए 41 पृष्ठों के फैसले में कहा गया, ‘‘यह एक ऐसा मामला है जिसमें पूरी चयन प्रक्रिया को दागदार बना दिया गया। बड़े पैमाने पर हेरफेर और धोखाधड़ी की गई। चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता और वैधता ही समाप्त हो गई है।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘हमें उच्च न्यायालय के इस निर्देश में हस्तक्षेप करने का कोई वैध आधार या कारण नहीं मिला कि जहां भी दागी उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई है, उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जानी चाहिए और उन्हें प्राप्त वेतन/भुगतान वापस करने के लिए कहा जाना चाहिए। चूंकि उनकी नियुक्तियां हेरफेर, जालसाजी के जरिये हुई थी, इसलिए यह धोखाधड़ी के बराबर है। इसलिए, हमें इस आदेश को बदलने का कोई औचित्य नहीं दिखता है।’’

यह मामला पश्चिम बंगाल एसएससी द्वारा 2016 में आयोजित भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित है, जिसमें 24,640 पदों के लिए 23 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। शीर्ष अदालत ने इसे ‘‘व्यवस्थित धोखाधड़ी’’ बताया था।

पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य और जीवन कृष्ण साहा उन आरोपियों में शामिल हैं जिनके खिलाफ भर्ती घोटाले की जांच की जा रही है।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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