कोलकाता, 19 मार्च (भाषा)पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में ‘‘पर्याप्त भर्तियों की कमी’’ को लेकर पेश स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने सत्र के पहले हिस्से में जब प्रस्ताव पेश करने का प्रयास किया तो अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही इस मुद्दे पर बोल चुकी हैं और इस समय पूर्ण चर्चा की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि अन्य सूचीबद्ध मुद्दों पर चर्चा पहले ही निर्धारित है।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12:45 बजे तक के लिए स्थगित दी। इसके तुरंत बाद घोष और 20 अन्य भाजपा विधायक शांतिपूर्वक विधानसभा के गेट की ओर बढ़ गए।
घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हम विद्यालयों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों सहित विभिन्न विभागों में सैकड़ों रिक्त पदों के मुद्दे को उजागर करना चाहते थे। हम राज्य सरकार की नौकरियों में भ्रष्टाचार और ‘कटमनी’ के बारे में बात करना चाहते थे।’’
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त हमारा उद्देश्य पिछड़ी जातियों और ओबीसी समुदायों के हजारों योग्य उम्मीदवारों के समक्ष आ रही कठिनाइयों को उजागर करना है।
घोष ने कहा, ‘‘हम सदन के संरक्षक के रूप में विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार का सम्मान करते हैं, लेकिन भाजपा आगामी सत्र में इस मुद्दे को फिर से उठाएगी।’’
भाजपा विधायकों ने 18 मई को सदन से तब बहिर्गमन किया था, जब अध्यक्ष ने 14 मार्च को बंगाल के कुछ हिस्सों में होली/डोल यात्रा त्योहारों के दौरान हिंदुओं पर कथित हमलों और इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के संबंध में उनके स्थगन प्रस्ताव को पेश करने या चर्चा करने की अनुमति नहीं दी।
भाषा धीरज अजय
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