श्रीनगर, छह जून (भाषा)हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर को रेल सेवा से जोड़ना एक स्वागत योग्य कदम है, परंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगर वास्तव में अविश्वास के माहौल को कम करना चाहते हैं तो उन्हें जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक कैदियों को रिहा करना चाहिए।
मीरवाइज ने श्रीनगर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले दी गयी तकरीर में कहा कि राजनीतिक नेतृत्व सहित सभी कैदी, लोगों की दुआओं और विचारों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को सद्भावना के तौर पर ईद के मौके पर इन कैदियों को रिहा कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री वास्तव में ‘दिलों की दूरी’ को कम करना चाहते हैं, जिसका जिक्र वह अक्सर अपने भाषणों में करते हैं, तो ऐसे मानवीय कदम ही आगे बढ़ने का असली रास्ता हैं। रेल संपर्क का स्वागत है, लेकिन मानवीय संपर्क ही वास्तव में मायने रखते हैं और टिकते हैं।’’
मीरवाइज फारूक ने शनिवार को पड़ रहे ईद-उल-अजहा त्योहार का जिक्र किया और इस बात पर दुख जताया कि जम्मू-कश्मीर में हजारों परिवारों के लिए यह त्योहार कोई खुशी नहीं लेकर आता।
मीरवाइज ने नई दिल्ली में काम कर रहे 30 वर्षीय जुबैर भट की कथित ‘‘दुखद और अमानवीय’’ हत्या की भी कड़ी निंदा की।
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