पटना, 27 मई (भाषा) वेबटेक और भारतीय रेलवे ने मालगाड़ी के लिए बिहार में निर्मित अपने उस पहले इंजन का अनावरण किया जिसे अगले माह पश्चिम अफ्रीका को निर्यात किया जाएगा।
पिछले साल सितंबर में रेलवे ने घोषणा की थी कि बिहार स्थित उसकी मढ़ौरा विनिर्माण इकाई जल्द ही अफ्रीका को रेल इंजन का निर्यात शुरू करेगी।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरे उतरे हैं और यह उपलब्धि भारतीय विनिर्माण एवं इंजीनियरिंग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को रेखांकित करती है।’’
इंजन का अनावरण करने के अलावा, कंपनी ने मढ़ौरा संयंत्र में इसका नामकरण समारोह भी आयोजित किया जिसमें भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और पश्चिम अफ्रीकी देश के प्रतिनिधि शामिल हुए।
भारतीय रेलवे और वेबटेक के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 2015 में स्थापित मढ़ौरा संयंत्र में पिछले नौ वर्षों में रेलवे के लिए 700 से अधिक इंजन तैयार किए गए हैं।
यह संयंत्र एक व्यापक पहल का हिस्सा है जिसमें रोजा (उत्तर प्रदेश), गांधीधाम (गुजरात) और गूटी (आंध्र प्रदेश) के रखरखाव कारखाने भी शामिल हैं।
नामकरण समारोह के दौरान वेबटेक की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं इंडिया रीजनल लीडर सुजाता नारायण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘2015 में भारतीय रेलवे ने ईंधन बचाने वाली श्रृंखला के 4,500 एचपी और 6,000 एचपी के 1,000 इंजनों का ऑर्डर दिया था जिन्हें 11 साल में उपलब्ध कराया जाना था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्यात ऑर्डर हमारे उत्पादों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रमाण है।’’
कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि निर्यात ऑर्डर के तहत चार वर्षों में 100 से अधिक इंजन भेजे जाने हैं।
उन्होंने कहा कि पहले दो इंजनों की सुरक्षा जांच की जा रही है और जून 2025 तक इन्हें गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह के रास्ते भेजे जाने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने बताया कि इन लोकोमोटिव को पश्चिम अफ्रीकी देश की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें ‘स्टैंटर्ड गेज’ लाइन और स्थानीय पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए अनुकूलन शामिल है।
भाषा खारी नेत्रपाल
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