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शनिवार, 3 मई, 2025
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प्रधानमंत्री की आलोचना करने वाले कार्टून के प्रकाशन के बाद वेबसाइट अवरुद्ध हुई : तमिल पत्रिका

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चेन्नई, 16 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘‘आपत्तिजनक’’ तरीके से दिखाने वाले कार्टून प्रकाशित करने के बारे में भाजपा द्वारा एक तमिल डिजिटल पत्रिका के खिलाफ केंद्र से की गई शिकायत के बीच पत्रिका ने दावा किया है कि उसके पोर्टल तक पहुंच अवरुद्ध हो गई है।

पत्रिका का कहना है कि उसके पाठक वेबसाइट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन तथा अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने वेबसाइट को ‘‘अवरुद्ध’’ करने की निंदा की।

पत्रिका ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि ऐसी कई रिपोर्ट आई हैं जिनमें कहा गया है कि ‘विकटन’ वेबसाइट को केंद्र सरकार ने ‘‘ब्लॉक’’ कर दिया है।

इसमें कहा गया, ‘‘विभिन्न स्थानों से कई उपयोगकर्ताओं ने बताया है कि वे विकटन वेबसाइट तक पहुंचने में असमर्थ हैं। हालांकि, अभी तक, इस वेबसाइट तक पहुंच अवरुद्ध करने के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।’’

पत्रिका ने कहा, ‘‘इससे पहले, विकटन की डिजिटल पत्रिका ‘विकटन प्लस’ ने एक कवर कार्टून (10 फरवरी, सोमवार) प्रकाशित किया था, जिसमें भारतीयों को हथकड़ी लगाकर अमेरिका से निर्वासित किए जाने के मुद्दे को उजागर किया गया था, जबकि प्रधानमंत्री मोदी इस मामले पर चुप रहे थे।’’

इसने कहा, ‘‘इस कार्टून की भाजपा समर्थकों ने आलोचना की थी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कथित तौर पर केंद्र सरकार के समक्ष विकटन वेबसाइट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।’’

मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि मीडिया संस्थान को उसके विचारों के लिए निशाना बनाना लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह भाजपा के फासीवादी स्वभाव का एक उदाहरण है’’

उन्होंने केंद्र से वेबसाइट को बहाल करने का आग्रह किया।

तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थगई ने भी केंद्र द्वारा की गई कथित कार्रवाई की निंदा की। टीवीके प्रमुख विजय ने कहा, ‘‘यह कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को पंगु बनाने के समान है।’’

स्टालिन की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अवधारणा से अवगत हैं। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘कृपया पिछले चार वर्षों के दौरान आपकी और आपकी सरकार की आलोचना करने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची पढ़ने के बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में बात करें।’’

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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