scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमडिफेंसवरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने किया ख़ुलासा- LoC पर मिले अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में छोड़े गए ‘हथियार और नाइट विज़न उपकरण’

वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने किया ख़ुलासा- LoC पर मिले अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में छोड़े गए ‘हथियार और नाइट विज़न उपकरण’

दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने ये भी कहा, कि अफगान-भाषी लोगों के PoK में पहुंचने की ख़बरें मिली थीं, और सैकड़ों अफगानी SIM कार्ड्स LoC के आसपास के इलाक़ों में सक्रिय थे.

Text Size:

बारामूला: एक चौंकाने वाले रहस्योदघाटन में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक सैन्य फॉर्मेशन के इंचार्ज वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने, दिप्रिंट के साथ एक इंटरव्यू में बताया है कि अमेरिकी सैनिकों द्वारा अफगानिस्तान में छोड़े गए हाईटेक हथियार और नाइट विज़न उपकरण, पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) के दहशतगर्दों के हाथों में पहुंच गए हैं, जो भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं.

19 इनफैंट्री डिवीज़न के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने दिप्रिंट को बताया कि इसके अलावा कई अफगान-भाषी लोगों के पीओके में पहुंचने की ख़बरें हैं और सैकड़ों अफगानी सिम कार्ड्स एलओसी के निकटवर्त्ती इलाक़ों में सक्रिय हैं.

चांदपुरिया के अनुसार, ये भी आशंका है कि आगामी गर्मियों में वो दहशतगर्द, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, जो अफगानिस्तान में लड़े हैं.

पिछले कुछ महीनों में एलओसी पर हुई मुठभेड़ों के बाद पता चला कि पाकिस्तानी दहशतगर्द अमेरिकी सैनिकों द्वारा पीछे छोड़े गए अमेरिकी उपकरण इस्तेमाल कर रहे थे. मुठभेड़ों में इन हथियारों और नाइट विज़न उपकरणों से लैस घुसपैठियों को मार गिराया गया.

चांदपुरिया ने कहा कि सेना के पास ख़ुफिया जानकारी है, कि 100-130 आतंकवादी उन लॉन्च पैड्स में मौजूद हैं, जो उनकी फॉरमेशन की ज़िम्मेदारी के क्षेत्र के सामने की ओर हैं, जिसे डैगर्स डिवीज़न भी कहा जाता है.

चांदपुरिया ने कहा, ‘पिछले एक साल में, घुसपैठ की तक़रीबन आधा दर्जन कोशिशें हुईं, और उन सभी को नाकाम कर दिया गया, तथा बड़ी संख्या में आतंकवादी मार गिराए गए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘दिलचस्प बात ये है कि बरामद किए गए हथियारों और उपकरणों से हमें पता चला, कि अमेरीकी सैनिक अपने पीछे जो बहुत सारे हाईटेक हथियार और नाइट-विज़न उपकरण अफगानिस्तान में छोड़ गए थे, वो अब इस ओर पहुंच रहे हैं’.

‘अफगान लड़ाकों की एक बड़ी संख्या पाकिस्तान लौट गई’

चांदपुरिया ने आगे समझाते हुए कहा, कि सबने वो मीडिया ख़बरें देखी हैं जिनमें कहा गया है, कि जब अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से गए, तो अपने पीछे 600,000 से अधिक छोटे आधुनिक हथियार और नाइट-विज़न उपकरणों के कई लाख पीस छोड़ गए.

उन्होंने कहा, ‘इनमें से कुछ एलओसी पर हाल की मुठभेड़ों के दौरान बरामद किए गए हैं. ये निश्चित रूप से पाकिस्तानी सेना के उपकरण प्रोफाइल में नहीं हैं. इसलिए आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है, कि ये सब कहां से आता है’.

इस आशंका के बारे में पूछे जाने पर, कि क्या पाकिस्तानी सेना अपने उन दहशतकगर्दों को जो अफगानिस्तान में लड़े हैं, कश्मीर की तरफ भेज सकती है, सैन्य अधिकारी ने कहा कि ये एक गंभीर संभावना है.

उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से आतंकी संगठन थे, जो एक गठबंधन के तहत अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों से लड़ रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘अब, जब तालिबान वहां सत्ता में आ गए हैं, तो बहुत सी ख़बरें मिली हैं और हमारे अपने इनपुट्स से भी संकेत मिलता है, कि इनमें से बहुत सारे लड़ाके वापस पाकिस्तान पहुंच गए हैं’.

मेजर जनरल चांदपुरिया ने आगे कहा, ‘इसके अलावा, हमें इनपुट्स मिले हैं कि पीओके में अफगान-भाषी लोगों की (मौजूदगी की) ख़बरें हैं. बताया जा रहा है कि एलओसी के क़रीबी इलाक़ों में, सैकड़ों अफगानी सिम कार्ड्स सक्रिय हैं. ये एक वास्तविक आशंका है, और मुझे लगता है कि आगामी सीज़न में, ये आतंकवादी संगठन एलओसी से भारत की ओर घुसपैठ की कोशिशों में, उन लोगों का इस्तेमाल करेंगे जिनका अफगानिस्तान में अनुभव रहा है’.

दिप्रिंट ने पिछले साल जुलाई में ख़बर दी थी, कि उस समय अमेरिकी और नेटो बलों की, युद्ध से तबाह अफगानिस्तान से चल रही नाटकीय वापसी, और सत्ता की ओर बढ़ते तालिबान ने, भारत के रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान में चिंता पैदा कर दी थी.

चिंता ये थी कि पश्चिमी बलों के पीछे हटने, और तालिबान की ताक़त के मज़बूत होने के नतीजे में, आख़िरकार कश्मीर में दहशतगर्दी और हिंसा में इज़ाफा होगा.


यह भी पढ़ें : 22 साल के लंबे इंतजार के बाद भारत को मिला समुद्री सुरक्षा को-ऑर्डिनेटर, पर यह कई फ्रंट्स पर खरा उतरा


LoC युद्ध विराम नागरिकों के लिए एक वरदान रहा है

पिछले साल 25 फरवरी से एलओसी पर चल रहे युद्ध विराम समझौते के बारे में बात करते हुए, मेजर जनरल चांदपुरिया ने कहा कि भारत को सबसे बड़ा फायदा ये था, कि एक बड़ी संख्या में नागरिक आबादी, शांति और सुकून का मज़ा ले रही थी.

उन्होंने कहा, ‘वो अच्छी तरह से जी पा रहे हैं. युद्ध विराम उल्लंघनों से प्रभावित बहुत सारा इनफ्रास्ट्रक्चर विकास भी गति पकड़ रहा है’.

चांदपुरिया ने ये भी कहा कि युद्धविराम के लागू होने से पहले, पाकिस्तान सेना को क्षतिग्रस्त किया गया था, और एलओसी के उस पार बहुत सी निर्माण गतिविधियां, और रक्षा तैयारियां देखी जा रही हैं.

उन्होंने कहा, ‘(युद्धविराम) समझौते से पहले भारी नुक़सान सहने के बाद, पाकिस्तानी सेना काफी प्रयास कर रही है, जिसे इधर से देखा जा सकता है, चाहे वो रक्षा तैयारियां हों, भारी कैलिबर के हथियारों की तैनाती हो, या फिर इनफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हो’.

वरिष्ठ अधिकारी ने ये भी कहा कि हमारे अपने बल भी पूरी तरह से लैस, और अच्छे से उन्मुख हैं और सैन्य योजनाओं में, पाकिस्तानी सेना की इन तमाम गतिविधियों को ध्यान में रखा जा रहा है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments