मुंबई, पांच मई (भाषा) उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर आयोजित सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करने का फैसला किया था, लेकिन वह जानबूझकर इसमें शामिल नहीं हुई, क्योंकि पार्टी का मानना था कि उसके रुख से अन्य विपक्षी दलों को असुविधा होगी।
दिलचस्प है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू को लिखे पत्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद अरविंद सावंत ने 24 अप्रैल की बैठक में शामिल न हो पाने का कारण सावंत और संजय राउत द्वारा विधायी कार्यों के लिए यात्रा करना बताया है।
सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार से जुड़े एक सवाल के जवाब में बैठक में शामिल नहीं होने का ‘असली’ कारण बताया।
राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने उनसे (पवार से) कहा कि अगर हम (शिवसेना-उबाठा) सर्वदलीय बैठक में शामिल होते तो सबसे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते और इससे आपकी (विपक्ष की) स्थिति असहज हो जाती, क्योंकि आप सरकार का समर्थन कर रहे थे।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार का समर्थन करने का मतलब उसकी गलतियों का समर्थन करना नहीं है। आप सभी सरकार की प्रशंसा कर रहे थे। गलतियों को नजरअंदाज करना हमारे स्वभाव में नहीं है।’
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने रविवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं, जबकि ‘पहलगाम में गोलियां चल रही हैं।’
मुंबई दक्षिण से सांसद अरविंद सावंत ने रीजीजू को लिखे पत्र में आतंकवादी हमले के संबंध में खुफिया विफलता और जवाबदेही की कमी को लेकर सवाल उठाया, साथ ही सरकार द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के लिए पार्टी के समर्थन की पेशकश की।
यह बैठक सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बुलाई गई थी जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
भाषा
शुभम अविनाश
अविनाश
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