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Saturday, 28 September, 2024
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विपक्षी दलों की आतंक की रणनीति व हत्याओं को उजागर करने के लिए पुराने मामले खोलेंगे:मुख्यमंत्री साहा

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अगरतला, 28 सितंबर (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शनिवार को कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार प्रदेश में दशकों तक शासन करने वाले विपक्षी दलों द्वारा की गई “हत्याओं और आतंक की रणनीति” के इतिहास को उजागर करने के लिए पुराने मामलों को फिर से खोलेगी।

उन्होंने कहा कि कानूनी प्रावधानों पर विचार करने के बाद मामले को फिर से खोला जाएगा।

साहा ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाने के लिए वाम मोर्चा और कांग्रेस की भी आलोचना की।

उल्लेखनीय है कि वाम मोर्चा ने दो चरणों में 35 वर्षों तक त्रिपुरा पर शासन किया, जबकि कांग्रेस 1978 से पांच वर्षों तक सत्ता में रही।

साहा ने भाजपा के एक कार्यक्रम में कहा, “जनता का विश्वास खो चुके विपक्षी दल त्रिपुरा की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। आठ-दस लोग सड़कों पर उतर आए और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने का आरोप लगाया। जनता उनकी पुरानी नीतियों से ऊब चुकी है।”

उन्होंने कहा, “हम जल्द ही उनके शासनकाल के दौरान हुई हत्याओं और आतंक की रणनीति का इतिहास उजागर करेंगे। कानूनी प्रावधानों की जांच के बाद उनके समय के सभी मामलों को फिर से खोला जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जब लोगों की सेवा की बात आती है तो भाजपा का “कोई विकल्प नहीं” है।

उन्होंने कहा, “भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पदचिह्नों पर चलते हुए लोगों के कल्याण के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने जो वादा किया है उसे पूरा किया है, चाहे वह तीन तलाक हो या अनुच्छेद 370 को हटाना।”

साहा ने कहा कि मोदी सरकार विकास के लिए पूर्वोत्तर में शांति लाने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने कहा, “विकास को गति देने के लिए क्षेत्र में सक्रिय विभिन्न संगठनों के साथ कुल 12 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। तीन शांति समझौते केवल त्रिपुरा में शांति सुनिश्चित करने के लिए किए गए। हम जो भी मांगते हैं, प्रधानमंत्री हमें देते हैं।”

साहा ने पार्टी नेताओं से पूर्वोत्तर राज्य में चल रहे सदस्यता अभियान को सफल बनाने की भी अपील की।

भाजपा के एक नेता ने बताया कि पांच लाख से अधिक लोग पहले ही पार्टी की सदस्यता के लिए अपना नाम दर्ज करा चुके हैं और इस बार पार्टी का लक्ष्य सात लाख सदस्यता हासिल करना है।

भाषा

प्रशांत संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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