(तस्वीरों के साथ)
राजगीर/गयाजी (बिहार), छह जून (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातिगत आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को सिरे से खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के जिस भी हिस्से में उनकी पार्टी सत्ता में आएगी, वहां ‘‘यह बाधा समाप्त कर दी जाएगी’’।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने बिहार में यह वादा किया। बिहार 1990 के दशक में मंडल आंदोलन का केंद्र था और यहां कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
राजगीर में आयोजित ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि 50 प्रतिशत की सीमा का यह विचार कहां से आया? वंचित वर्गों की आबादी लगभग 90 प्रतिशत है।’’
उच्चतम न्यायालय द्वारा जातिगत आरक्षण की सीमा तय किए जाने पर असहमति जताते हुए गांधी ने कहा कि जातिगत गणना इस बाधा को दूर करने की दिशा में पहला कदम होगा।
गांधी ने कहा, ‘‘जब हमने तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण कराया, जिसमें अन्य बातों के अलावा यह भी पता चला कि दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों को शायद ही कोई सरकारी ठेका मिलता है, तो उस राज्य के मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म कर दिया जाए। उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था।’’
तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है।
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना और कर्नाटक में हमने बाधा हटा दी है। और जहां भी हमारी सरकार बनेगी, वहां यह बाधा समाप्त कर दी जायेगी।’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में गांधी की राजगीर यात्रा काफी चर्चा में रही, क्योंकि प्रशासन ने पिछले महीने इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था जबकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने दरभंगा में छात्रों से बातचीत करने के लिए इसी तरह के आदेश की अवहेलना की थी।
गांधी ने राज्य की जद (यू)-भाजपा गठबंधन सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसने बिहार को ‘‘देश की अपराध राजधानी’’ में बदल दिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह उस भूमि के लिए कितना खेदजनक है जो प्राचीन काल में बुद्ध और नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़ी थी। यह विरासत अब भी जापान, कोरिया और चीन जैसी आधुनिक ताकतों के पीछे प्रेरक शक्ति है।’’
वर्ष 2004 में सक्रिय राजनीति में आने वाले गांधी ने ‘‘अपने परनाना’’ जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक के शीर्षक का उल्लेख करते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने ‘‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’’ के लिए समय लिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय वास्तविकताओं की उनकी समझ ने उन्हें ‘‘जातिगत गणना’’ की मांग को लगातार आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया और समय के साथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘आत्मसमर्पण’’ कर दिया।
गांधी ने कहा, “अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कम से कम 11 बार कहा है कि उन्होंने मोदी को मजबूर किया है। हमारे प्रधानमंत्री विरोध में एक शब्द भी नहीं कह पा रहे। कारण यह है कि ट्रंप ने जो कहा है, वही हकीकत है।”
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं केवल वही दोहरा रहा हूं जो ट्रंप ने 11 बार कहा है। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं, तो मोदी को उनका झूठ उजागर करना चाहिए।’
गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि जातिगत गणना और भारत सरकार के पास उपलब्ध अन्य सभी आंकड़ों को मिलाकर देश में विकास को देखने के तरीके में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकेगा।
उन्होंने संविधान की एक प्रति लहराते हुए कहा, ‘‘मुझे पता है कि बिहार में यह नयी शुरुआत होगी। यह आपके डीएनए में है। यह पुस्तक बुद्ध के सिद्धांतों पर आधारित है।’’
अपने भाषण में गांधी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार वास्तविक जातिगत गणना नहीं कराएगी क्योंकि यह भाजपा-आरएसएस की राजनीति के खिलाफ होगा।
कांग्रेस नेता ने सरकार पर निजी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र को बर्बाद करने’’ का भी आरोप लगाया और कहा कि एक बड़ा व्यापारिक घराना उस जमीन पर कब्जा करने की योजना बना रहा है जिस पर मुंबई का विशाल इलाका धारावी स्थित है।
बाद में, गांधी ने गयाजी में महिलाओं से बातचीत की, जहां उन्होंने देश की आर्थिक वृद्धि में महिलाओं की बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने राज्य के अपने एक दिवसीय दौरे की शुरुआत गयाजी के गांव बेलदौर से की, जहां उन्होंने दिवंगत दशरथ मांझी के पुत्र भगीरथ से मुलाकात की।
मांझी ने केवल एक हथौड़े और छेनी का इस्तेमाल करके पहाड़ियों के बीच से 360 फुट लंबा और 30 फुट चौड़ा रास्ता बना दिया था। बाइस वर्षों के काम के बाद, उन्होंने अकेले ही अपने गांव और वजीरगंज (जहां निकटतम अस्पताल स्थित है) के बीच की दूरी 55 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर कर दी। उन्होंने 1960 में अपनी घायल पत्नी की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो जाने के बाद पहाड़ तोड़ने का कार्य शुरू किया था।
गांधी के आगमन से पहले भगीरथ ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बोधगया से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
दिल्ली के लिए उड़ान भरने से पहले गांधी ने बोधगया में विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर में प्रार्थना की।
भाषा
देवेंद्र प्रशांत
प्रशांत
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