नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के बजट को गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘‘बड़ा भाई’’ बताते हुए कहा कि वह केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं.
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि केंद्र और राज्य सरकार के बीच कोई टकराव नहीं होता, तो दिल्ली में 10 गुना अधिक विकास हुआ होता. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार काम करना चाहती है, टकराव नहीं. हम टकराव से थक गए हैं, क्योंकि इससे किसी का भला नहीं होता. हम प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, हम कोई झगड़ा नहीं चाहते.’’
केजरीवाल ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री दिल्ली जीतना चाहते हैं, तो उन्हें पहले शहर के लोगों का दिल जीतना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा उसके लिए मंत्र है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप बड़े भाई हैं और मैं छोटा भाई. यदि आप मेरा समर्थन करते हैं, तो मेरी ओर से भी ऐसा किया जाएगा. यदि आप छोटे भाई का दिल जीतना चाहते हैं, तो उसे प्रेम करें.’’
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के बजट को मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजने की प्रथा संविधान और लोकतंत्र के मूल ढांचे के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि प्रावधान न्यायिक पड़ताल में ‘दो मिनट’ भी नहीं टिक पाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘बजट आज पेश किया जाना था. केंद्र ने इसे रोक दिया. हमने बजट में कोई बदलाव किए बिना गृह मंत्रालय के सवाल का जवाब दिया और उन्होंने अब इसे मंजूरी दे दी है. वे चाहते थे कि मैं झुक जाऊं. यह उनका अहंकार है और कुछ नहीं.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के बजट पर केंद्र की आपत्ति परंपरा से हटकर है. उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार हुआ.’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह संविधान पर हमला है. यहां तक कि बी आर आंबेडकर ने भी ऐसी स्थिति के बारे में नहीं सोचा होगा, जब केंद्र सरकार राज्य सरकार के बजट की प्रस्तुति को रोक देगी.’’
इससे पहले, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को मंजूरी दे दी है और इसके बारे में आप सरकार को बता दिया गया है.
उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्रियों तथा आम आदमी पार्टी पर ‘‘दिल्ली के लोगों तथा मीडिया को गुमराह करने तथा आप सरकार की नाकामियों से उनका ध्यान भटकाने के एकमात्र उद्देश्य से जानबूझकर झूठे बयान देने’’ का आरोप भी लगाया.
उपराज्यपाल कार्यालय में एक सूत्र ने कहा, ‘‘वह कह रहे हैं कि केंद्र ने राज्य का बजट रोक दिया है. यह साफ तौर पर झूठ है. दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, न कि राज्य और इसलिए यह पूर्ण रूप से भारत सरकार का हिस्सा है. साथ ही बजट रोका नहीं गया.’’
आप ने सोमवार को आरोप लगाया था कि केंद्र ने दिल्ली का बजट रोकने की साजिश रची. वहीं, केजरीवाल ने मोदी को पत्र लिखकर ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया.
उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्र ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुसार विधानसभा में दिल्ली का बजट पेश करने से पहले भारत के राष्ट्रपति की पूर्व सहमति और मंजूरी की आवश्यकता होती है और पिछले 28 साल से यह प्रक्रिया चल रही है.
सूत्र ने आरोप लगाया, ‘‘बजट के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति मांगने से पहले बजट पेश करने की तारीख तय करना, यह अपने आप में गलत है और आप सरकार की दुर्भावना को दिखाता है.’’
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