नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को इस बात पर अफसोस जताया कि इन दिनों ‘इवेंट मैनेजमेंट’ के जरिये कुछ लोगों को प्रतिष्ठित दर्जा दे दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें बदलाव आया है और पद्म पुरस्कार केवल उन लोगों को दिए जाते हैं जो इसके हकदार हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जन सेवा’ को परिभाषित किया।
धनखड़ ने कहा, ‘‘ऐसी भी शख्सियतें हैं, जिन्हें ‘इवेंट मैनेजमेंट’ या बनावटी तरह से खुद को बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है। वे हमारी यादों में रहते हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं, हमें प्रेरित करते हैं।’’
उपराष्ट्रपति ने यह टिप्पणी यहां आदित्य बिड़ला सामुदायिक पहल एवं ग्रामीण विकास केंद्र की अध्यक्ष राजश्री बिड़ला को 25वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार, 2024 प्रदान करते हुए की।
धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम ऐसे समय में जी रहे हैं, जहां ‘इवेंट मैनेजमेंट’ द्वारा लोगों को प्रतिष्ठित दर्जा दिया जाता है। सार्वजनिक जीवन वाले लोगों को उस स्तर तक पेश किया जाता है, जिसे पचाना मुश्किल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, अब एक बड़ा बदलाव आया है। उदाहरण के लिए, पद्म पुरस्कार उन लोगों को दिए जा रहे हैं, जो इसके हकदार हैं। यही वजह है कि इस पुरस्कार की विश्वसनीयता और बढ़ गई है।’’
धनखड़ ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री का नाम सुनते ही देशभक्ति की याद आ जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘शास्त्री जी ने जनसेवा की परिभाषित किया है। वह आत्म-बलिदान के लिए खड़े थे। शास्त्री जी ने उपदेशों से नहीं, बल्कि आचरण और व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत किया।’’
धनखड़ ने कहा कि जब भारत में भुखमरी का संकट था, तब पूरा देश उनके साथ खड़ा था। वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने एक स्पष्ट आह्वान के माध्यम से लोगों की भागीदारी को बढ़ावा दिया।
भाषा शफीक सुरेश
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