नई दिल्ली: कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए डॉक्टर और नर्स चौबीसों घंटे मरीजों की तीमारदारी में लगे हैं. बीते रविवार को इन्हीं डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में आधा घंटा ताली और थाली भी बजाई थी. लेकिन कोरोना से लड़ाई लड़ रहे इन लोगों को सामाजिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों की परेशानी इतनी बढ़ गई है कि हारकर गृहमंत्री को पत्र लिखना पड़ा है. इनमें से तो कई ऐसे डॉक्टर भी हैं जिन्हें उनके मकान मालिकों ने घर खाली करने के लिए कहा है.
एम्स के डॉक्टरों की चिट्ठी के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने एम्स रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन के मुख्य सचिव डॉ एस राजकुमार से बात की. शाह ने आश्वासन दिया कि इस मामले को ‘गंभीरता’ से लिया जा रहा है. इससे मामले को लेकर उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की. उन्होंने डॉक्टरों व नर्सों को तंग करने वाले मकान मालिकों पर सख्त एक्शन लेने की बात भी कही है.
वहीं डॉक्टरों को परेशान किए जाने पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी कहा, ‘मैं दिल्ली, नोएडा, वारंगल, गुजरात में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को परेशान किए जाने को लेकर परेशान हूं. मैं कहना चाहता हूं कि डॉक्टर सारे सुरक्षा मानक अपना रहे हैं. घबराओ मत.’
I’m DEEPLY ANGUISHED to see reports pouring in from Delhi, Noida,Warangal,Chennai etc that DOCTORS & PARAMEDICS are being ostracised in residential complexes & societies. Landlords are threatening to evict them fearing #COVID2019 infection. Pls don’t panic !#CoronavirusLockdown
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) March 24, 2020
ये हाल सिर्फ दिल्ली के डॉक्टरों का नहीं है बल्कि देशभर के डॉक्टरों को इस परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है.
गुजरात के डॉक्टर देवाशीष ने डॉक्टरों के एक ग्रुप का स्क्रीनशॉट शेयर किया है जहां एक डॉक्टर बता रहे हैं कि उनकी सोसायटी के प्रेसिडेंट ने उन्हें हिट लिस्ट में रखा है क्योंकि कि वो सिविल अस्पताल में काम कर रहे हैं. इस ग्रुप की चैट को शेयर करते हुए डॉक्टर देवाशीष ने पीएम मोदी को ट्वीट करते हुए लिखा है कि कई मामले आ रहे हैं जहां सरकारी डॉक्टरों को उनके ही घरों से जाने पर धमकियां मिल रही हैं. सर कृपया इन मामलों को गंभीरता से लें.
So many incidents are coming to light of sincere govt doctors who are now being threatened to enter their own homes! Please look seriously into this matter@narendramodi sir.
Regards,
A govt doctor. pic.twitter.com/MmLHZejsjf— Dr.Devashish (@DevPalkar) March 23, 2020
आज आठ बजे पीएम मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं. अमित शाह को लिखे पत्र में एम्स असोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर आदर्श प्रताप सिंह लिखते हैं, ‘कोरोना के मरीजों के इलाज में लगे नर्स, डॉक्टर और अन्य मेडिकलकर्मियों को उनके किराए के मकानों से निकाला जा रहा है. ये व्यवहार मेडिकल कर्मियों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरे को बढ़ाएगा. देश के कई सारे डॉक्टर अपने सामान के साथ सड़कों पर आ गए हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वो कहां जाएं. आपसे अनुरोध है कि जल्द से जल्द एक ऑर्डर पास करें ताकि मकान मालिक दिन रात काम में लगे डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ से घर खाली ना करा सकें. ‘
गुजरात के सूरत ज़िले के न्यू सिविल हॉस्पिटल के साइकियेट्री डिपार्टमेंट में कार्यरत संजीबनी पाणिग्रही के अपने पड़ोसी ही उन्हें अब अजीब सी निगाहों से देखने लगे हैं. कभी रात में बीमार पड़ने पर उन्हें याद करने वाले पड़ोसी की नज़र में वह कोरोनावायरस के वाहक के तौर पर देखी जाने लगी हैं.
संजीबनी दिप्रिंट से अपना अनुभव साझा करते हुए कहती हैं, ‘मैं जिस अस्पताल में हूं उसमें फिलहाल तीन कोरोना पॉजिटिव के मरीज हैं. मेरी ड्यूटी अभी आइसोलेशन महकमे में नहीं लगी है. मैं सारे सेफ्टी मेजर्स का इस्तेमाल करती हूं. मास्क पहनकर रखती हूं.’
वो आगे जोड़ती हैं, ‘मेरी सोसायटी के गेट पर दस लोग कुर्सी लगाकर बैठे रहते हैं और आने जाने वालों पर नजर रखते हैं. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनकी हिट लिस्ट में शामिल हूं. मैं दो साल से सूरत में रह रहीं हूं लेकिन इस तरह का व्यवहार मेरे लिए मेंटल हैरेसमेंट है.’
संजीबनी का मानना है कि उनके पडो़सी उनके मकान मालिक को प्रेशर में डालकर कहीं उनसे घर ना खाली करा लें. ऐसे में उनके पास जाने की कोई जगह नहीं बचेगी.
I'm myself a govt. doctor being threatened by my Society. Please help @narendramodi sir. @PMOIndia @ZeeNews https://t.co/NHQoQDMOaY
— Sanjibani Panigrahi (@DrSanjibani) March 23, 2020
सूरत के ही एक अन्य डॉक्टर ने बताया, ‘मैं किराणा दुकान पर सामान ख़रीदने गया था. मैं हमेशा उसी दुकान से सामान ख़रीदता रहा हूँ. स्टोर के कर्मी को पता था कि मैं डॉक्टर हूं. उसे ये भी पता था कि मेरी पोस्टिंग सिविल अस्पताल में है. उसने मुझे सामान नहीं दिया और दोबारा न आने को कहा.’
डॉक्टर आगे जोड़ते हैं, ‘जब आप सामान तक नहीं ख़रीदने से रहे थे तो ताली और थाली क्यों बजाई थी? ‘
डॉक्टरों के साथ हो रहे इस दुर्व्यवहार को लेकर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के रेजिडेंट असोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर असगर अली कहते हैं, ‘लोगों का पैनिक करना भी जायज है. कोरोना को लेकर फेक न्यूज बहुत ज्यादा फैल गई है. कोरोना के फैलने के वक्त डॉक्टर भी सेफ्टी मेजर्स का इस्तेमाल कर पाते उससे पहले ही वो इस वायरस से संक्रमित हो गए. लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. डॉक्टर पूरे सुरक्षा इंतजामों के बाद ही इलाज कर रहे हैं.’
Dr Adarsh, another doctor from Sanjay Nursing Home says, "Police are prohibiting our mess workers from bringing food from outside. We request the Prime Minister Narendra Modi to solve the problems faced by the health professionals". #COVID19 pic.twitter.com/i9aNJvKVNi
— ANI (@ANI) March 24, 2020
संजीबनी की तरह ही देश के अन्य डॉक्टर सोशल मीडिया के जरिए अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर लिख रहे हैं. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में काम कर रहे एक डॉक्टर ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, ‘ये आज से शुरू नहीं हुआ. लोग अजीब निगाहों से देखते हैं. बहुत से मेडिकल स्टाफ को ये झेलना पड़ रहा है.’
Senior officers have spoken to the lady. Local police has been instructed to lend her all possible assistance. Please rest assured,anyone discriminating against heroes, discharging their duties risking their own safety will be dealt with strictly.@CPKolkata @IpsMurlidhar https://t.co/Izzhe7pVHb
— Kolkata Police (@KolkataPolice) March 24, 2020
गौरतलब है कि डॉक्टरों के अलावा एयरलाइन के स्टाफ के साथ भी सोसायटी व पड़ोसी हैरेसमेंट कर रहे हैं. कोलकाता में भी ऐसा मामला सामने आया जब एक प्राइवेट एयरलाइन की महिलाकर्मी ने एक वीडियो के जरिए बताया कि उनकी मां खाने-पीने का सामान तक नहीं खरीद पा रही हैं.
केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता हरदीप सिंह पुरी ने इन घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारत में कोरोना के कहर को फैलने से रोक रहे इन लोगों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार निंदनीय है.