चंडीगढ़, 30 अप्रैल (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के उस दावे को ‘झूठा’ करार देते हुए बुधवार को कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें सैनी ने कहा था कि मान ने उन्हें ज्यादा पानी देने का आश्वासन दिया था।
मान ने कहा कि पंजाब के पास साझा करने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है।
उन्होंने सैनी को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें सैनी का पत्र मीडिया के जरिये ही मिला और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पद पर बैठा व्यक्ति लोगों को ‘गुमराह’ कर रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनी ने उन्हें कॉल किया था लेकिन उन्होंने (मान ने) कभी पानी देने का कोई आश्वासन नहीं दिया।
सैनी ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार करने के बाद मान पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया था।
मान को 27 अप्रैल को लिखे पत्र में सैनी ने लिखा, ‘कृपया भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की तकनीकी समिति द्वारा 23 अप्रैल को लिये गए निर्णय के कार्यान्वयन के संबंध में कल हुई हमारी टेलीफोन पर चर्चा का संदर्भ लें, जिसमें हरियाणा संपर्क बिंदुओं (एचसीपी) पर 8,500 क्यूसेक पानी देने की बात कही गई है।’
मान ने कहा कि हर साल बीबीएमबी द्वारा पानी का आवंटन 21 मई से अगले वर्ष 20 मई तक के लिए किया जाता है। इस बार पंजाब को 5.512 एमएएफ, हरियाणा को 2.987 एमएएफ और राजस्थान को 3.318 एमएएफ पानी मिला।
हरियाणा ने मार्च में ही अपनी हिस्सेदारी खत्म कर दी थी, जिसके बाद वह पीने के पानी के लिए भी पंजाब से गुहार लगा रहा है। इसके बावजूद पंजाब ने छह अप्रैल से 4,000 क्यूसिक पानी रोजाना देने का निर्णय लिया।
मान ने कहा कि हरियाणा की जनसंख्या के हिसाब से 1,700 क्यूसिक पानी पर्याप्त है, फिर भी वह इससे ढाई गुना ज्यादा मांग रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा अपनी हिस्सेदारी का समुचित उपयोग नहीं कर पाया, और अब सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी की मांग कर रहा है, जबकि पंजाब खुद जल संकट से जूझ रहा है।
मान ने आरोप लगाया कि भाजपा, हरियाणा सरकार और केंद्र के माध्यम से पंजाब के जल अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है, लेकिन पंजाब सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भाषा राखी सुरेश
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