scorecardresearch
Tuesday, 19 November, 2024
होमदेश'पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले'; कोलकाता में प्रदर्शनकारियों और पुलिस वालों के बीच हुई झड़प

‘पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले’; कोलकाता में प्रदर्शनकारियों और पुलिस वालों के बीच हुई झड़प

पुलिस की वैन प्रदर्शनकारियों को ले जाती दिखीं, क्योंकि वे सीएम ममता बनर्जी के कार्यालय के रास्ते में बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. मार्च से कुछ घंटे पहले सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा के बीच झड़प हुई.

Text Size:

कोलकाता: पुलिस ने मंगलवार को हावड़ा में राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर कूच कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. वे 9 अगस्त को सरकारी आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे थे.

पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगहों पर झड़प हुई, जिसमें कोलकाता के ऐतिहासिक हावड़ा ब्रिज भी शामिल है, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए.

पुलिस की गाड़ियों को कई प्रदर्शनकारियों को ले जाते हुए भी देखा गया, क्योंकि वे नबन्ना (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कार्यालय) के रास्ते में बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश कर रहे थे.

मंगलवार के ‘नबान्ना अभियान’ का आह्वान छात्र संगठन पश्चिम बंगा छात्र समाज और संग्रामी जौथा मंच द्वारा किया गया था, जो राज्य के महंगाई भत्ते (डीए) को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने की वकालत करता है.

Police deployment at Hastings, Kolkata | Sreyashi Dey | ThePrint
कोलकाता के हेस्टिंग्स में पुलिस की तैनाती . श्रेयसी डे . दिप्रिंट
कोलकाता के हेस्टिंग्स में पुलिस की तैनाती . श्रेयसी डे . दिप्रिंट

आरजी कर के जूनियर डॉक्टर, जिन्होंने अस्पताल में अपना विरोध प्रदर्शन किया था, मंगलवार के मार्च का हिस्सा नहीं थे.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल

मार्च से कुछ घंटे पहले ही तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच राजनीतिक वाद-विवाद शुरू हो गया, जिससे शहर और उसके आस-पास के इलाकों में तनाव बढ़ गया.

तृणमूल ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ता पुलिस की वर्दी में छात्रों की रैली में घुस जाया करते थे और उपद्रव मचाते थे. इस बीच, पुलिस ने सोमवार को मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसमें गंभीर “शांति भंग” के बारे में विशेष खुफिया जानकारी दी गई थी.

मार्च से कुछ घंटे पहले, “कानून और व्यवस्था बनाए रखने” के लिए चार छात्रों को गिरफ्तार किया गया. रैली का बाहर से समर्थन करने वाली भाजपा ने उन्हें रिहा करने के लिए मंगलवार सुबह तुरंत कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को लिखा कि परिवारों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को निर्देश दिया था कि वह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे और रैलियों को रोकने के लिए बल का प्रयोग न करे. लेकिन शहर में स्कूल और दफ़्तर बंद रहे क्योंकि नागरिकों को बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका थी.

ममता पूरे दिन राज्य सचिवालय में स्थिति की निगरानी कर रही थीं क्योंकि बाद में हावड़ा में प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए थे.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः आरजी कर मामले में बंगाल की दुर्गा पूजा समितियों का विरोध आया सामने, ममता सरकार के अनुदान को लेने से किया मना


 

share & View comments