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ऑक्सफोर्ड में ममता बनर्जी के भाषण में व्यवधान के मुद्दे पर वाकयुद्ध

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कोलकाता, 28 मार्च (भाषा) ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में सामाजिक विकास और महिला सशक्तीकरण पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण को कथित तौर पर वामपंथी रूझान वाले युवाओं द्वारा बाधित किये जाने के बाद कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह व्यवधान पूरे देश पर कलंक है और लोग ‘इस हमले का जवाब ब्याज के साथ देंगे’, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा एसएफआई ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जहां भी जायेंगी, उन्हें क्रुद्ध छात्र समुदाय के कठिन सवालों से बचने का कोई रास्ता नहीं मिलेगा।’’

बनर्जी के उद्बोधन के बीच में कुछ श्रोताओं ने उनसे कई मुद्दों पर सवाल करके उनके भाषण को बाधित करने की कोशिश की। इन मुद्दों में आर जी कर अस्पताल में डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या से लेकर राज्य से पूंजी के पलायन तक, टाटा मोटर्स के सिंगूर से चले जाने के विषय भी थे।

शांतचित्त बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की और उन्हें ‘चॉकलेट’ भेजने की पेशकश करते हुए ‘एजेंडे को लेकर रात में अच्छी नींद’ की कामना की।

बनर्जी ने कहा की कि इस तरह के प्रतिरोध ने उनका मनोबल बढ़ाया है, उनके संकल्प को मजबूत किया है। बनर्जी ने निमंत्रण मिलने पर साल में दो बार ऑक्सफोर्ड आने की पेशकश की।

बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी,‘‘जब आपके नेता आएंगे तो यही नाटक दोहराया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा,‘‘मेरे वामपंथी और अति-वामपंथी मित्रों, यह व्यवहार करने का उचित तरीका नहीं है।’’

ब्रिटेन में बनर्जी के यात्रादल का हिस्सा रहे तृणमूल प्रवक्त कुणाल घोष ने पोस्ट किया, ‘‘ वामपंथी समर्थकों के एक समूह ने अपने कामों से राज्य और देश को बदनाम किया है। वामपंथी शासन के दौरान बंगाल में जो कुछ हुआ, उसे वे भूल चुके हैं।प्रश्नोत्तरी सत्र के दौरान सवाल उठाने के बजाय इन लोगों ने अपनी संस्कृति का परिचय दिया।’’

पार्टी की आईटी शाखा के प्रमुख देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा,‘‘ये लोग न तो ऑक्सफोर्ड के विद्यार्थी थे और न ही ब्रिटिश नागरिक। मुख्यमंत्री का अपमान करने की कोशिश करके उन्होंने भारत का अपमान किया। लोग उन्हें ब्याज समेत करारा जवाब देंगे।’’

हालांकि, एसएफआई ने कहा कि मुख्यमंत्री विदेशी धरती पर “बंगाल के बारे में अपने लगातार झूठ” से बच निकलने की उम्मीद नहीं कर सकतीं।

वामपंथी छात्र संगठन के नेता देबांजन दास ने कहा, ‘‘एसएफआई उन्हें इतनी आसानी से बचने नहीं देगी। उन्हें इस सवाल का जवाब देना होगा कि बंगाल में बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या क्यों बढ़ रही है और क्यों हर दिन उनकी शिक्षा, अभिव्यक्ति और सुरक्षा के अधिकारों पर अंकुश लगाया जा रहा है। उन्हें यह जवाब देना होगा कि आरजी कर कांड की चिकित्सक के मामले में अभी तक न्याय क्यों नहीं मिला है और राज्य के परिसरों में छात्र चुनाव क्यों रोक दिए गए हैं।’’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने ममता बनर्जी के बारे में कहा, ‘‘उन्हें बंगाल के लोगों को इस यात्रा से अनुमानित निवेश और वास्तविकता में क्या हुआ, इस बारे में जवाब देना चाहिए। उन्हें कथित तौर पर राज्य द्वारा वहन किए गए यात्रा खर्च का ब्यौरा देना चाहिए।’’

भाषा

राजकुमार पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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