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रविवार, 8 जून, 2025
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केरल के मंत्री और उद्योगपति के बीच वाकयुद्ध छिड़ा

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कोच्चि, आठ जून (भाषा) केरल के उद्योग मंत्री पी राजीव और जाने-माने उद्योगपति साबू एम जैकब के बीच राज्य में कारोबारी और निवेश अनुकूल माहौल को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया।

राजीव ने जैकब पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने राज्य से अपना कारोबार स्थानांतरित करने की घोषणा की थी, वे अब भी यहां काम कर रहे हैं।

वहीं, दूसरी ओर किटेक्स समूह के चेयरमैन साबू जैकब ने पलटवार करते हुए कहा कि केरल किसी की ‘‘पैतृक संपत्ति’’ नहीं है।

मंत्री और व्यवसायी के बीच उस समय विवाद उत्पन्न हो गया, जब एक दिन पहले ही आंध्र प्रदेश सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने जैकब से यहां मुलाकात की थी और उन्हें राज्य में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया था।

आंध्र प्रदेश की कपड़ा मंत्री एस सविता ने शनिवार को यहां के निकट किझाक्कमबलम में बच्चों के परिधानों के मामले में विश्व में अग्रणी उत्पादकों में से एक, किटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड के मुख्यालय का दौरा किया।

बाद में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने किटेक्स समूह प्रबंधन को मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया, जिसे जैकब ने स्वीकार कर लिया।

आंध्र प्रदेश की मंत्री की मौजूदगी में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उद्योगपति ने केरल में निवेश के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की और आरोप लगाया कि व्यापार करने में आसानी सिर्फ कागजों में है और जो लोग राज्य में निवेश करते हैं, वे अपनी मानसिक शांति खो देंगे।

रविवार को जब पत्रकारों ने इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया मांगी, तो राजीव ने कहा कि जैकब एक व्यापारी के तौर पर नहीं बल्कि एक राजनीतिक पार्टी के नेता के तौर पर बोल रहे थे।

मंत्री स्पष्ट रूप से जैकब के नेतृत्व वाले राजनीतिक संगठन ‘ट्वेंटी20’ का जिक्र कर रहे थे।

मंत्री ने कहा, ‘‘वह एक राजनीतिक नेता हैं। उनके अपने राजनीतिक हित हो सकते हैं।’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे राज्य में कारोबारी और निवेश अनुकूल माहौल के बारे में जानने के लिए उद्योग संगठनों की प्रतिक्रिया लें।

उन्होंने यह भी कहा कि जैकब की कंपनी, जो कई साल पहले एक मामूली तरीके से शुरू हुई थी, बाद में केरल में काम करके दुनियाभर में इसका कारोबार फैल गया।

राजीव की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जैकब ने कहा कि केरल किसी की ‘पैतृक संपत्ति’ नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप राजीव की बात सुनेंगे, तो आपको लगेगा कि केरल उनकी पैतृक संपत्ति है। यह वह जगह है, जहां मैं और मेरे पिता पैदा हुए और बड़े हुए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास जो पैसा है, वह हमने कड़ी मेहनत से कमाया है। यह किसी की दया से नहीं मिला है।’’

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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