नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने अमेरिकी एजेंसी यूएसएड की फंडिंग से जुड़े विवाद के बीच सोमवार को दावा किया कि वित्त मंत्रालय की वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘‘झूठ’’ पूरी तरह से उजागर हो गया है।
भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल पर भारत के लोकतंत्र को अस्थिर करने की कोशिश करने वाले विदेशी दानदाताओं के दखल का बचाव करने का आरोप लगाया।
दरअसल, वित्त मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी एजेंसी ने 2023-24 में 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सात परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘किसी और ने नहीं, बल्कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री और उनके विदेश मंत्री सहित उनकी झूठ ब्रिगेड के झूठ को पूरी तरह से उजागर किया है। वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएसएड वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से लगभग 75 करोड़ डॉलर के संयुक्त बजट की सात परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है।’’
उनके मुताबिक, इनमें से एक भी परियोजना का मतदान प्रतिशत से कोई लेना-देना नहीं है।
रमेश ने कहा, ‘‘ये सभी केंद्र सरकार के साथ और उसके माध्यम से हैं।’’
भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए दावा किया कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए ‘‘जॉर्ज सोरोस (अमेरिकी कारोबारी) से जुड़े मोर्चों और एनजीओ ढांचे’’ के माध्यम से विवादास्पद यूएसएड फंडिंग से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस और उसके तंत्र की हताशा दिख रही है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अब यह स्पष्ट है कि लाभार्थी कौन हैं।’’
मालवीय ने कहा कि विचाराधीन यूएसएड परियोजनाएं सरकार-से-सरकार के बीच की भागीदारी वाली हैं, जिन्हें पारदर्शी रूप से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं (ईएपी) के रूप में निष्पादित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र इन निधियों को केवल राज्यों को विकास के लिए भेजता है, जो सहकारी संघवाद के ढांचे के भीतर है।
मालवीय ने कहा कि वित्त मंत्रालय की 2023-24 रिपोर्ट (जुलाई 2024 में अपलोड) में उद्धृत परियोजनाओं की शुरुआत 2010-11 में हुई, क्योंकि 2014-15 की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है।
हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि जो बाइडन के नेतृत्व वाले पिछले अमेरिकी प्रशासन के तहत यूएसएड ने भारत को ‘वोटर टर्नआउट’ (मतदान में मतदाताओं की भागीदारी) के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर दिए थे।
इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा द्वारा एक-दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है।
भाषा हक हक नेत्रपाल
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.