नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दावा किया कि 2013 के कानून में संशोधन के बाद वक्फ की 20 लाख एकड़ जमीन बढ़ी है और निजी एवं सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण के लिए वक्फ प्रावधानों का दुरुपयोग हुआ है।
उच्चतम न्यायालय में दायर एक प्रारंभिक हलफनामे में केंद्र सरकार ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया।
सरकार ने इसे ‘वास्तव में चौंकाने वाला’ बताया कि 2013 में लाए गए संशोधन के बाद वक्फ संपत्ति में 116 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हलफनामे में दावा किया गया है, ‘मुगल काल से पहले, स्वतंत्रता से पूर्व और आजादी के बाद के काल में भारत में कुल 18,29,163.896 एकड़ भूमि वक्फ थी।
इसमें दावा किया गया है, ‘‘मुगल काल से पहले, स्वतंत्रता-पूर्व काल और स्वतंत्रता-पश्चात काल में भारत में कुल 18,29,163.896 एकड़ जमीन वक्फ किये गए थे।’’
केंद्र ने कहा, ‘‘चौंकाने वाली बात यह है कि 2013 के बाद वक्फ भूमि में 20,92,072.536 एकड़ की वृद्धि हुई है।’’
हलफनामे में दावा किया गया है कि विभिन्न वक्फ बोर्ड ने स्वेच्छा से ‘वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया’ पोर्टल पर ये आंकड़े अपलोड किए।
सरकार ने कहा कि यह लगातार अनुभव किया गया है कि प्रत्येक वक्फ और प्रत्येक वक्फ बोर्ड पारदर्शिता एवं नियामक निगरानी से बचने के लिए विवरण सार्वजनिक नहीं करते।
हलफनामे में कहा गया है, ‘(कानून में) धारा 3बी शामिल करने से विवरण अपलोड करना अनिवार्य हो गया है तथा इसे सार्वजनिक करके सब कुछ पारदर्शी बना दिया गया है।’
सरकार ने कहा कि धारा 3बी के तहत पोर्टल और डेटाबेस पर वक्फ का विवरण दाखिल करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है।
हलफनामे में कहा गया है कि संशोधित धारा 3बी के तहत अपडेट होने के बाद आंकड़े और अधिक बढ़ जाएंगे।
सरकार ने कहा, “वर्ष 2013 तक वक्फ भूमि का कुल क्षेत्रफल 18,29,163.896 एकड़ था। यह वाकई चौंकाने वाला है कि 2013 के बाद केवल 11 वर्षों में वक्फ भूमि में 20,92,072.563 एकड़ की वृद्धि हुई है।’
भाषा जोहेब सुरेश
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