नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) नये वक्फ अधिनियम को लेकर देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, इसके बावजूद इस कानून से ‘‘एक खास धर्म को निशाना बनाया गया।’’
अब्दुल्ला दिल्ली में एक सम्मेलन से इतर वक्फ संशोधन अधिनियम और इसे लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुए विरोध-प्रदर्शन पर पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
केंद्र ने आठ अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम को अधिसूचित किया था, जो संसद के दोनों सदनों में तीखी बहस के बाद पारित हुआ था और जिसे पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिली थी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष ने कहा, “मेरी पार्टी ने पहले ही उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी है और अब इस मामले को न्यायाधीशों पर छोड़ देते हैं। हम उन कई संगठनों में से हैं, जिन्होंने इस पर विचार करने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उन्हें इस पर विचार करने दीजिए।”
अब्दुल्ला ने कहा, “हमारा मानना है कि इस कानून ने एक खास धर्म को निशाना बनाया है। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए, हमारा मानना है कि हम समान व्यवहार पाने के हकदार हैं। हम चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय इस पर फैसला सुनाए। अब हम इंतजार करेंगे।”
जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 11 अप्रैल को कहा था कि उसने वक्फ अधिनियम में संशोधन को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।
भाषा जितेंद्र पारुल
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