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Sunday, 13 April, 2025
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वक्फ कानून का विरोध: मुर्शिदाबाद हिंसा में 150 लोग अरेस्ट, शमशेरगंज और धुलियान में पुलिस बल तैनात

सिलीगुड़ी में एक मुस्लिम संगठन ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इससे पहले कोलकाता में अलीयाह यूनिवर्सिटी के छात्रों ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल पुलिस ने हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों से भड़की हिंसा के संबंध में कुल 150 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, शमशेरगंज, धुलियान और अन्य प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है.

शनिवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ ने जिले में फैली व्यापक हिंसा के मद्देनजर मुर्शिदाबाद में “तत्काल” केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया. यह हिंसा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध के दौरान हुई, जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से वकील अनीश मुखर्जी ने एक जनहित याचिका (PIL) दायर की, जिसमें केंद्रीय बलों की तैनाती और NIA जांच की मांग की गई. उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से हम पश्चिम बंगाल राज्य, विशेष रूप से मुर्शिदाबाद जिले में व्यापक हिंसा देख रहे हैं.”

हाई कोर्ट ने ममता सरकार और केंद्र सरकार दोनों को इस स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है.

जंगीपुर में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह प्रदर्शन वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में था, लेकिन अब स्थिति स्थिर है.

शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना के सुत्ती, धुलियान, अंटाला और अन्य इलाकों में हुए उपद्रव के लिए जिम्मेदार असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

इसी तरह सिलीगुड़ी में एक मुस्लिम संगठन ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. एक प्रदर्शनकारी ने केंद्र सरकार से इस अधिनियम को रद्द करने की मांग की. इससे पहले शुक्रवार को कोलकाता में अलीयाह यूनिवर्सिटी के छात्रों ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

वक्फ (संशोधन) विधेयक को 2 और 3 अप्रैल को क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया गया था. इसे दोनों सदनों ने पारित कर दिया और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिली, जिसके बाद यह कानून बन गया. 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दी.

जहां विपक्ष इस वक्फ अधिनियम का विरोध कर रहा है, वहीं बीजेपी ने ‘वक्फ सुधार जागरूकता अभियान’ शुरू किया है, जो 20 अप्रैल से 5 मई तक चलेगा. इस पहल के तहत मुस्लिम समुदाय को वक्फ अधिनियम के लाभों की जानकारी दी जाएगी.


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