श्रीनगर, तीन अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक संविधान में प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है और मुसलमानों के धार्मिक मामलों में ‘अनावश्यक हस्तक्षेप’ है।
राथर ने बडगाम जिले के चडूरा इलाके में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आपने देखा कि लोकसभा में 200 से अधिक सांसदों ने इस विधेयक का विरोध किया, क्योंकि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है। यह अनुच्छेद धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। मैं इसे मुस्लिम पर्सनल लॉ में अनावश्यक हस्तक्षेप मानता हूं।’’
राथर ने कहा कि सरकार का दावा है कि वक्फ विधेयक मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए लाया गया है।
उन्होंने पूछा, ‘‘ऐसा विधेयक लाने का क्या मतलब है, जिसके बारे में आप दावा करते हैं कि इससे मुस्लिम समुदाय को लाभ होगा, लेकिन मुसलमान ही इसके खिलाफ हैं?’’
राथर ने दावा किया कि वक्फ संशोधन विधेयक ने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो संसद में भी स्पष्ट रूप से नजर आया, क्योंकि 200 से अधिक सांसदों ने इसका विरोध किया।
उन्होंने कहा,‘‘मुझे नहीं लगता कि यह (वक्फ विधेयक लाना) सही कदम है।’’
भाषा
राजकुमार पारुल
पारुल
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