नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत बिहार में वर्षों से लंबित प्रतीक्षा सूची अब लगभग पूरी तरह समाप्त हो गई है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिहार को 5 लाख 20 हजार 742 अतिरिक्त आवास आवंटित किए हैं. इससे राज्य में 2018 से लंबित लाभुकों को आवास मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त आवास की मांग की थी. इसके बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक पत्र भेजकर इस फैसले की जानकारी दी है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय के पत्र के अनुसार, 9 अगस्त 2024 को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रामीण इलाकों में बढ़ती आवास जरूरतों को देखते हुए 2 करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई थी. योजना का विस्तार अब 2029 तक किया गया है.
2016 में शुरू हुई पीएम आवास योजना के तहत 2024-25 तक बिहार को कुल 44 लाख 92 हजार 10 घर आवंटित किए जा चुके हैं. योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों के सभी जरूरतमंदों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है.
मंत्रालय ने पत्र में बताया कि नए आवंटन के बाद राज्य की प्रतीक्षा सूची लगभग पूरी हो गई है. अब सरकार नए सिरे से सर्वे कराएगी. इस सर्वे में उन गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी जो अभी भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं. इसके बाद नए लाभुकों की सूची बनाई जाएगी और उन्हें योजना से जोड़ा जाएगा.
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