नई दिल्ली: भारत के निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी.
झारखंड की 81 विधानसभा सीट के लिए मतदान दो चरणों में क्रमश: 13 और 20 नवंबर को होंगे और महाराष्ट्र की सभी 288-विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा तथा दोनों राज्यों की मतगणना 23 नवंबर को होगी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव की तारीखों की घोषणा की. इस घोषणा के साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.
निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, महाराष्ट्र में 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी तथा नामांकन की आखिरी तिथि 29 अक्टूबर होगी.
कुमार ने बताया कि नामांकन पत्र चार नवंबर, 2024 तक वापस लिए जा सकते हैं. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
कुमार ने बताया कि झारखंड में मतदाताओं की कुल संख्या 2.6 करोड़ है. इनमें 1.29 करोड़ महिलाएं और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार मतदान के पात्र युवाओं की कुल संख्या 11.84 लाख है. कुमार ने कहा कि झारखंड में कुल 29,562 मतदान केंद्रों की स्थापना की जाएगी, इनमें से 5042 मतदान शहरी इलाकों में जबकि 24,520 केंद्र ग्रामीण इलाकों में होंगे.
बता दें कि झारखंड में विधानसभा की 81 सीट हैं. इनमें 44 सामान्य, 28 अनुसूचित जनजाति और नौ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने.
इस चुनाव में भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास भी चुनाव हार गए थे.
पिछले पांच सालों में झारखंड में महाराष्ट्र की तरह कोई बहुत बड़ा राजनीतिक उलटफेर तो नहीं हुआ, लेकिन इस दौरान झामुमो में घटे कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया. मुख्यमंत्री सोरेन को ज़मीन घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक कथित मामले में जनवरी 2024 में गिरफ्तार कर लिया गया. सोरेन ने गिरफ्तारी से पूर्व मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और नए मुख्यमंत्री के रूप में झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी सिपहसालार चम्पई सोरेन की ताजपोशी हुई.
हालांकि, जून महीने में हेमंत सोरेन के ज़मानत पर रिहा होने के बाद चम्पई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और एक बार फिर राज्य की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आई गई. इस घटनाक्रम के कुछ दिनों बाद चम्पई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए.
झारखंड में भाजपा का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (यूनाईटेड) के साथ गठबंधन है. इस बार तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इस गठबंधन का मुकाबला झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन से होगा.
महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसके मुखिया शिवसेना के एकनाथ शिंदे हैं. सत्ताधारी गठबंधन में शिवसेना के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है.
दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) है. इसमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल है.
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति बिल्कुल बदल गई है. साल 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बैनर तले साथ मिलकर लड़ा था.
राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 165 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और वह 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे 56 पर जीत मिली थी.
दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 147 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 44 सीट पर जीत मिली थी, जबकि राकांपा को 121 में से 54 सीट पर जीत हासिल हुई थी.