मुंबई, 18 नवंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र के मतदाताओं से पैसे लेकर निष्ठा बदलने वाले नेताओं को हराने का सोमवार को आह्वान किया। उन्होंने इन नेताओं का जिक्र ‘50 खोके’ के रूप में किया।
महाराष्ट्र की राजनीति में ‘50 खोके’ शब्द का इस्तेमाल तब किया गया था, जब एकनाथ शिंदे ने 2022 में अविभाजित शिवसेना से बगावत करते हुए महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
मुंबई के पास वसई में महा विकास आघाडी (एमवीए) के उम्मीदवारों के लिए आयोजित चुनावी रैली में खरगे ने शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों का नाम लिए बगैर दावा किया कि निष्ठा बदलने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। उन्होंने मतदाताओं से 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में एक स्पष्ट संदेश देने का आह्वान किया।
खरगे ने “बंटेंगे तो कटेंगे” और “एक हैं तो सेफ हैं” जैसे नारों के जरिये विभाजनकारी राजनीति में लिप्त होने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति की आलोचना की।
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, ज्योतिराव फुले और डॉ. भीमराव आंबेडकर जैसी महान हस्तियों की विरासत का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने आगाह किया कि कुछ गुट जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस और एमवीए एकता एवं डॉ. आंबेडकर के संविधान के सिद्धांतों के लिए खड़े हैं, जबकि भाजपा विभाजन पैदा करना चाहती है।”
खरगे ने सरकार की आर्थिक नीतियों की निंदा करते हुए दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने किसानों, श्रमिकों, महिलाओं और युवाओं के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा, “इस सरकार के तहत महंगाई और बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर है, जबकि किसान अपनी उपज के बदले उचित कीमत पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
खरगे ने भाजपा पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया और दावा किया कि महाराष्ट्र को पिछले ढाई साल में बड़ी वित्तीय अनियमितताओं का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि एमवीए अपनी “5 गारंटी” और “महाराष्ट्र नामा” पहल के जरिये चुनावी वादों को पूरा करेगा।
खरगे ने दावा किया कि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में हार के साथ ही महायुति का अंत हो जाएगा।
रैली में मौजूद कांग्रेस नेता अनंत गाडगिल ने महाराष्ट्र की जरूरतों की अनदेखी करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की।
उन्होंने आरोप लगाया, “महाराष्ट्र के राष्ट्रीय खजाने में सबसे ज्यादा योगदान देने के बावजूद उसे केवल 8,000 करोड़ रुपये मिले, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को कहीं अधिक आवंटन किया गया।”
गाडगिल ने इस अंतर को लेकर महायुति की खामोशी पर भी सवाल उठाया।
कांग्रेस नेता ने नशीले पदार्थों पर लगाम लगाने के मामले में भी केंद्र के रुख की आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 2047 तक “नशा-मुक्त” बनाने का संकल्प जताया है, जबकि मादक पदार्थों की बरामदी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
भाषा पारुल माधव
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