scorecardresearch
Tuesday, 19 August, 2025
होमदेशभाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए मप्र विधानसभा चुनाव में 27 से अधिक सीट पर हुई ‘वोट चोरी’: कांग्रेस

भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए मप्र विधानसभा चुनाव में 27 से अधिक सीट पर हुई ‘वोट चोरी’: कांग्रेस

Text Size:

(शीर्षक में सुधार के साथ रिपीट)

भोपाल, 19 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कम से कम 27 सीट पर ‘वोट चोरी’ की गई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इसका ‘अनैतिक लाभ’ पहुंचाया गया।

भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार और देश को गुमराह करने वाला बताया तथा सवाल किया कि विधानसभा चुनाव के 20 महीने बाद कांग्रेस की ‘कुंभकर्णी नींद’ क्यों टूट रही है।

सिंघार ने यहां अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में डेटाबेस-आधारित ग्राफिक्स और आंकड़ों के जरिए यह दावा भी किया कि चुनाव से कुछ महीने पहले लाखों मतदाता जोड़े गए और जिन क्षेत्रों में कांग्रेस के उम्मीदवार कम अंतर से हारे, उनमें मतदाता वृद्धि हार के अंतर से बहुत अधिक पाई गई।

उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रदेश की 27 से अधिक सीट पर ‘वोट चोरी’ हुई और भाजपा को अनैतिक लाभ देने के लिए ऐसा किया गया।’’

सिंघार ने दावा किया कि पांच जनवरी से दो अगस्त 2023 के बीच सात माह में मध्यप्रदेश में मतदाताओं की कुल संख्या में लगभग 4.64 लाख की वृद्धि दर्ज हुई जबकि दो अगस्त से चार अक्टूबर के बीच महज दो महीने में मतदाताओं की तादाद में अप्रत्याशित रूप से 16.05 लाख की वृद्धि दर्ज हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘यानी प्रतिदिन 26,000 मतदाता जोड़े जा रहे थे। यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, यह लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है।’’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के खुलासे ने देश को झकझोर दिया है। मध्यप्रदेश भी इस सुनियोजित चुनावी षड्यंत्र का बड़ा शिकार हुआ।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई थीं, जैसे कि मतदाताओं की संख्या में असामान्य वृद्धि, नामों को हटाने के रिकॉर्ड को छिपाना, निर्वाचन आयोग के विरोधाभासी आदेश और लाखों दोहरी प्रविष्टियां जैसी गंभीर त्रुटियां शामिल हैं।

सिंघार ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने दो दिसंबर 2022 को एक आदेश जारी कर 8,51,564 नकली/दोहरी प्रविष्टियां हटाने के निर्देश दिये थे लेकिन किसी भी जिला अधिकारी ने इन्हें हटाने की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की।

उन्होंने दावा किया कि सूचना का अधिकार के माध्यम से भी संबंधित आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया।

कांग्रेस नेता ने निर्वाचन आयोग से अंतिम सूची को रोकने, अंतिम प्रकाशित सूची पर सभी राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर लिये जाने और चुनाव पूरा होने तक किसी भी बदलाव पर रोक लगाए जाने की मांग की।

मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे राहुल गांधी हों या उमंग सिंघार, कांग्रेस के नेता आंकड़ों और तथ्यों के बिना निराधार आरोपों से देश को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनाव के 20 महीने बाद कांग्रेस की कुंभकर्णी नींद क्यों टूट रही है। आजाद भारत में वोटों की पहली चोरी तो जवाहरलाल नेहरू ने खुद प्रधानमंत्री बनने के लिए की थी।’

मंत्री ने सवाल किया कि यदि कांग्रेस को मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की आशंका थी तो उसने समय सीमा के अंदर निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत क्यों नहीं की?

उन्होंने कहा, ‘कानून के अनुसार चुनाव परिणाम की घोषणा के 45 दिन के भीतर और चुनाव घोषित होने के बाद भी नामांकन की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले तक शिकायत या चुनौती दी जा सकती है।’

सारंग ने आरोप लगाया कि संविधान की झूठी दुहाई देने वाली कांग्रेस न संवैधानिक व्यवस्थाओं का पालन करती है और न ही संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करती है।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से जुड़ी हर आपत्ति या सुधार का स्पष्ट कानूनी प्रावधान है और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत हर नागरिक और राजनीतिक दल सूची में गड़बडी दिखने पर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।

सारंग ने कहा, ‘सिंघार ने पत्रकार-वार्ता के माध्यम से राहुल गांधी की झूठ और फरेब की राजनीति में अपना सुर मिलाने की कोशिश की है।’

भाषा ब्रजेन्द्र नोमान

नोमान सिम्मी

सिम्मी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments