नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को पड़े विधानसभा के वोटों की गिनती मंगलवार को की जा रही है. सूबे में हो रहे 2020 के विधानसभा चुनाव में सभी 70 सीटों पर वोटिंग हुई है जिसके नतीजे मंगलवार शाम तक आ जाएंगे.
गिनती के बीच सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सरकार बनाने की हैट्रिक लगा पाएंगे? इसके पहले 2013 और 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा के बाद केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी सरकार बनाई थी.
पहले मौके पर उन्होंने उस कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी जिसके ख़िलाफ़ वो चुनाव लड़े थे क्योंकि इस त्रिशंकु विधानसभा वाले 2013 के चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला था.
उस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को 32, उसके बाद आप को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं. इसके अलावा जेडीयू और शिरोमणी अकाली दल को 1-1 सीटें मिली थीं. हालांकि, महज़ 49 दिनों में केजरीवाल ने ख़ुद इस्तीफ़ा दे दिया.
फिर 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की सुनामी आई और दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से पार्टी ने 67 सीटें हासिल करके भाजपा को 3 पर समेट दिया और कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ कर दिया.
सबकी टकटकी इस बात पर लगी है कि क्या इस बार भी पिछले बार जैसा करिश्मा होगा. एक्ज़िट पोल की मानें तो अगर आप करिश्मा दोहरा नहीं भी पाई तो भी पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बना लेगी.
किसी भी चैनल ने अपने एक्ज़िट पोल में पार्टी को 50 से कम सीटें नहीं दी हैं. सबसे ज़्यादा 68 सीटें इंडिया टुडे के एक्ज़िट पोल में दिए गए हैं जिसके आम चुनाव से अभी तक लगभग सभी एक्ज़िट पोल सटीक बैठे हैं.
हालांकि, दिल्ली भाजपा के संगठन के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और पार्टी के दिल्ली के अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत पार्टी के सोशल मीडिया के मुखिया अमित मालवीय के ट्वीट ने आंकड़बाज़ों की हालत को हल्कान कर रखा है.
संतोष ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली चुनाव 2020 से जुड़े ऐसे तीन तथ्य हैं जो समझ नहीं आ रहे. पहला तो अंतिम दो घंटे में पड़ा 17 प्रतिशत वोट है. दूसरा आम आदमी पार्टी द्वारा ईवीएम को लेकर उठाए जा रहे सावल हैं और तीसरा एक्ज़िट पोल के नतीजे हैं.
3 factors about #DelhiPolls2020 that doesn’t add up …
• 17% vote in last 2 hours
• @AamAadmiParty narrative about EVM disturbance
• exit poll results .
Are we missing something here ..? Are some forces anticipating something other than exit polls …?— B L Santhosh (@blsanthosh) February 9, 2020
उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या सबसे कुछ छूट गया? क्या कुछ ऐसी ताकतें भी हैं जो एक्ज़िट पोल से इतर किसी और तरीके के नतीजों की कल्पना कर रहे हैं. ऐसे ही एक संशय पैदा करने वाले ट्वीट में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष तिवारी ने लिखा है कि ये सभी एक्ज़िट पोल फ़ेल होंगे.
ये सभी एग्ज़िट पोल होंगे fail..
मेरी ये ट्वीट सम्भाल के रखियेगा..
भाजपा दिल्ली में ४८ सीट ले कर सरकार बनायेगी .. कृपया EVM को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूँढे..?— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) February 8, 2020
उन्होंने लिखा है, ‘मेरी (मेरा) ये ट्वीट संभाल के रखिएगा. भाजपा दिल्ली में 48 सीट ले कर सरकार बनायेगी .. कृप्या ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूंढे..’ अगर प्रदेश अध्यक्ष तमाम एक्ज़िट पोल्स के बाद ऐसा ट्वीट करते हैं तो इससे किसी का भी सर चकरा सकता है.
एक्ज़िट पोल पर संशय पैदा करवाने वाला ऐसा ही एक ट्वीट भाजपा के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने किया है. उन्होंने लिखा, ‘3 बजे तक 30.18 प्रतिशत वोट पड़े थे, ईसी के मुताबिक 11.30 तक 61.71 प्रतिशत वोट पड़े हैं.’
Voter turnout was 30.18% at 3pm, EC is reporting a turnout of 61.71% as of 11:30pm..
This late surge could be devastating for the pollsters like the late swing in cricket is… Don’t forget the BJP pushed its cadres and volunteers to get the vote out, a luxury others don’t have.
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 8, 2020
उन्होंने आगे लिखा के देर से पड़े ये ज़्यादा वोट आंकड़ेबज़ों पर उसी तरह से भारी पड़ सकते हैं जैसे क्रिकेट में लेट स्विंग पड़ता है. उन्होंने कहा कि ये भी नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा ने अपने कैडर और समर्थकों को वोट दिलवाने के लिए बाहर लेकर आई. ये सहूलियत दूसरों के पास नहीं है.
ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इन तीन ट्वीट्स के कुछ मायने थे या इन्ही सिर्फ विरोधी और आंकड़ेबाज़ों के खेमे में महज़ हलचल पैदा करने के लिए किया गया था.