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Friday, 4 October, 2024
होमदेशअयोध्या में राम मंदिर की मांग को लेकर विहिप की 'विराट धर्मसभा'

अयोध्या में राम मंदिर की मांग को लेकर विहिप की ‘विराट धर्मसभा’

एक लाख से ज्यादा संख्या में जुटे लोग, कई प्रमुख संतों ने मंच से कहा, सरकार संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण सुनिश्चित करे.

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नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया जिसे ‘विराट धर्म सभा’ नाम दिया गया था. इस रैली में कई नामचीन संतों के अलावा एक लाख से ज्यादा की संख्या में लोग पहुंचे. यह धर्मसभा संसद में कानून पास करके अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से बुलाई गई थी.

रैली में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा, ‘यह देश रामराज चाहता है. रामराज में सुरक्षा है, न्याय है. सत्ता सर्वोपरि नहीं है. उन्हें जनभावना का ख्याल करना चाहिए.’

भैयाजी जोशी ने खचाखच भरे रामलीला मैदान में मौजूद लोगों से कहा, ‘1992 में काम अधूरा रह गया था. ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना. सरकार जनभावना का सम्मान करे, कानून निर्माण की पहल करे. सुप्रीम कोर्ट को भी देश की भावनाएं समझनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘हमारा किसी के साथ कोई संघर्ष नहीं है. हम सबके साथ मिलकर रहना चाहते हैं. राम राज्य में ही शांति होती है. जिन लोगों ने मंदिर बनाने का वादा किया था, आज वो सत्ता में हैं. अब वो लोग अपना वादा पूरा करें.’

धर्मसभा में पहुंची साध्वी ऋतम्भरा ने कहा, ‘राम की बात करने वाले ठाठ में आ गए, पर राम मंदिर अब तक नहीं बना. राम की बहुत बड़ी प्रतिमा बनाओ या अयोध्या को दीयों से जगमगाओ, लेकिन जब तक राम मंदिर नहीं बनता तब तक चैन नहीं.’

विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष सदाशिव कोगजे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘यह कहना गलत है कि मंदिर चुनावी मुद्दा है. हर छह महीने में देश में कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं तो क्या हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें.’

कोगजे ने न्यायालय का जिक्र करते हुए कहा कि ‘लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है, न्यायालय नहीं.’

हंस देवाचार्य ने कहा, ‘आज रामलीला मैदान में उमड़े जनसैलाब की भावना को समझना चाहिए. यह तो सिर्फ दिल्ली एनसीआर की भीड़ है. अगर पूरा देश उमड़ पड़ा तो किस मैदान में जाएंगे? फिर हमको नये मैदान बनाने पड़ेंगे.’

उन्होंने मंच से कहा कि ‘जब तक मोदी मंदिर नहीं बनाएंगे, तब तक उन्हें गद्दी से उतरने नहीं देंगे. उन्हें मजबूर कर देंगे, उन्हें मंदिर बनाना पड़ेगा.’ उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं करती है तो इलाहाबाद कुंभ के दौरान संत समाज एकत्र होगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी.’


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दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रहने वाले भाजपा के ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश रस्तोगी ने बताया, ‘इस रैली के लिए कार्यकर्ताओं को एक लाख बसें भर कर लाने का आदेश हुआ है. यह आंदोलन विश्व हिंदू परिषद का है. भाजपा के बड़े नेता नहीं आएंगे, लेकिन उनसे भी बड़े लोग होंगे. मोहन भागवत जी जैसे लोग और बड़े बड़े संत होंगे. हम यह दिखाना चाहते हैं कि नीचे से मंदिर की मांग तेज़ हो रही है और सरकार के पास अध्यादेश लाने के सिवा कोई चारा नहीं है. अगर संसद में पास हो गया और मंदिर बना तो भाजपा को श्रेय मिलेगा. अगर ऐसा नहीं हो पाया तो कांग्रेस की पोल खुलेगी, हमें तब भी फायदा ही होगा.’

​सुबह 11 बजे शुरू हुई धर्मसभा को जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर महा-मण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, श्रीजगन्नाथ पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य, गीता मनीषी महा-मण्डलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद, युग पुरुष परमानंद, साध्वी ऋतंभरा, भैयाजी जोशी आदि ने संबोधित किया. सभी ने पुरजोर मांग की कि जल्द से जल्द अयोध्या में राम​मंदिर का निर्माण कराया जाए.

इस रैली के दौरान रामलीला मैदान को कई हिस्सों में बांट कर बैरिकेडिंग लगाई गई थी ताकि लोगों में अफरातफरी न मचे. पूरा रामलीला मैदान रामभक्तों से खचाखच भरा था. इसके अलावा रामलीला मैदान के आसपास के इलाकों में आवागमन रोक दिया गया था. आसपास की सभी सड़कों पर लोग ही लोग थे.

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