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Friday, 26 April, 2024
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बुंदेलखंड में बूंद-बूंद पानी के उपयोग की योजनाएं बनेंगी : विष्णु दत्त शर्मा

बुंदेलखंड में पानी ऐसी समस्या है, जिसने वहां की जीवन-शैली को ही बदल दिया है.

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भोपाल : रोजगार, पानी और पलायन की समस्या से जूझने वाले बुंदेलखंड के लिए ऐसी योजनाएं बनाई जाएंगी, जिसमें बूंद-बूंद पानी का सिंचाई और पेयजल के लिए बेहतर उपयोग हो सके. इस मसले पर खजुराहो ससंदीय क्षेत्र के सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से चर्चा की है.

शर्मा ने रविवार को आईएएनएस से कहा, ‘बुंदेलखंड में पानी ऐसी समस्या है, जिसने वहां की जीवन-शैली को ही बदल दिया है. पानी की अनुपलब्धता के चलते जहां लोगों को सिंचाई और पीने के लिए आसानी से पानी नहीं मिल पाता, वहीं रोजगार का संकट खड़ा हो जाता है. परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना होता है.’

शर्मा ने कहा, ‘इस क्षेत्र में हर साल बारिश का अधिकांश पानी बह जाता है, तो दूसरी ओर खेती में उन विधियों को अपनाया जाता है, जिसमें पानी ज्यादा लगता है. इस समस्या से कैसे निपटा जाए, इस मसले पर शनिवार को मेरी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से चर्चा हुई है. शेखावत ने भरोसा दिलाया है कि बुंदेलखंड के लिए ऐसी योजनाओं और परियोजनाओं पर अमल किया जाएगा, जो आम आदमी की पानी संबंधी जरूरत को पूरी करें.’

सांसद शर्मा ने आगे कहा, ‘आगामी दिनों में (गजेंद्र सिंह) शेखावत से मुलाकात कर बुंदेलखंड के लिए आवश्यक योजनाओं का प्रतिवेदन सौंपूंगा. मेरा प्रयास होगा कि इस क्षेत्र में ड्रिप एरिगेशन व पानी की छोटी (माइक्रो) परियोजनाओं को अस्तित्व में लाया जाए. ऐसा होने पर खेती और पीने के लिए पानी की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा.’

इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में तालाब हैं, मगर अधिकांश ने अपना अस्तित्व खो दिया है. शर्मा का कहना है कि इस क्षेत्र के तालाबों को पुनर्जीवित करने और उनकी मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.

ज्ञात हो कि बुंदेलखंड मध्य प्रदेश के सात और उत्तर प्रदेश के सात जिलों से मिलकर बना है. सभी 14 जिलों को साल के बड़े हिस्से में पानी की समस्या से जूझना पड़ता है. मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना जिलों से पलायन सबसे ज्यादा होता है.

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