नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार की रात कांगपोकी जिले में गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई. साथ ही इस घटना में दर्जन भर लोगों के घायल होने की खबर है. कांगपोकी मैतई बहुल जिला है. पुलिस के मुताबिक आधी रात को कांगपोकी के करीब एक गांव खामेलोक और इंफाल पूर्वी जिले में अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने हमला कर दिया. इस घटना में मारे गए सभी लोग खामेलोक गांव के निवासी थे.
इससे पहले कल विष्णुपुर जिले में भी हिंसा हुई थी. यहां कुकी समुदाय के लोग मैतेई समुदाय के क्षेत्र में बंकर बनाने की कोशिश कर रहे थे जिसके बाद दोनों समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई. इसके बाद कुकी उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई.
मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 115 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 50 हजार से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. राज्य में लगभग 350 से अधिक विस्थापित कैंप चल रहे हैं जिसमें लोगों को रखा गया है. 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक हजारों लोग घायल हो चुके हैं.
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य में शांति कायम करने के लिए एक शांति समिति बनाई थी.
दरअसल मणिपुर का मैतई समुदाय अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है। इसके खिलाफ तीन मई को राज्य के पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था जिसके बाद राज्य में हिंसा शुरू हो गई। राज्य के 16 जिलों में से 11 में कर्फ्यू लगा हुआ है। वहीं पूरे राज्य में इंटरनेट बंद है.
आज असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे. इससे पहले हिमंत बिस्वा सरमा ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से भी मिले थे और राज्य के हालात को लेकर बातचीत की.
यह भी पढ़ें: योगेंद्र यादव गलत हैं. एसपी सिंह का ‘आजतक’ कभी भी जातिगत विविधता की सटीक तस्वीर नहीं था