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Monday, 18 November, 2024
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हिजाब पर अदालती आदेश के उल्लंघन से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां बढ़ सकती हैं: केंद्रीय मंत्री

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उडुपी (कर्नाटक), 31 मई (भाषा) केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने मंगलवार को कहा कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब के इस्तेमाल पर रोक संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रहे लोगों से कड़ाई से निपटना चाहिए क्योंकि इस तरह से अदालत के आदेश की अवमानना से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि कक्षाओं में हिजाब पहनने की कोई गुंजाइश नहीं है। सभी को कानून का सम्मान करना चाहिए। जो लोग उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करना चाहते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, अन्यथा इससे असामाजिक और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।’’

मंत्री के इस बयान से एक दिन पहले ही मंगलुरु में मंगलोर विश्वविद्यालय की 12 छात्राओं को उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए प्रवेश नहीं दिया गया था।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उडुपी स्थित ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं 15 मार्च को खारिज कर दी थीं।

तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि स्कूल की यूनिफॉर्म का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकती हैं।

मंगलुरू स्थित मलाली मस्जिद को प्राचीन हिंदू मंदिर बताने के विश्व हिंदू परिषद के दावे के बाद उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर हिंदू स्थलों को उन्हें लौटा दिया जाए और सब अतीत की गलतियों को सुधारने का फैसला कर लें तो सभी साथ में रह सकते हैं।

उडुपी-चिक्कमंगलुरू लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सदस्य करंदलाजे ने कहा कि अतीत में अनेक मंदिरों को तोड़ दिया गया और मौजूदा पीढ़ी ने इसे नहीं देखा। उन्होंने कहा कि अगर पुरातात्विक उत्खनन से सच सामने आता है तो चीजें सुधारने की गुंजाइश है।

उन्होंने कहा कि अगर दोनों समुदाय एक समाधान पर पहुंचने का प्रयास करें तो सौहार्दपूर्ण तरीके से हल निकाला जा सकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर एक अध्याय शामिल करने समेत पाठ्यपुस्तकों में बदलाव की खबरों के बारे में पूछे गये प्रश्न पर करंदलाजे ने कहा कि सरकार को पाठ्यक्रम समिति में केवल ऐसे चेहरों को शामिल करने के बारे में सोचना चाहिए जो विवादों से नहीं जुड़े हों और उन पाठों को शामिल किया जाना चाहिए जो सभी के दिल के करीब हों और जो बच्चों में उमंग भर सकें।

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को अपनी संस्कृति और इतिहास के बारे में, पूर्वजों के सामने आईं समस्याओं के बारे में और ब्रिटिश तथा मुस्लिम आक्रांताओं के देश में आने के कारणों के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए।

मंत्री ने कहा, ‘‘मोहम्मद गजनी ने भारत पर 17 बार हमला क्यों किया था? हमारी कमजोरियां क्या हैं? इन चीजों के बारे में हमारे बच्चों को बताना होगा।’’

तटीय कर्नाटक में ‘लव जिहाद’ के एक मामले और उस पर बजरंग दल के विरोध के घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए करंदलाजे ने कहा कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए कड़े कानून की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा था और आज फिर दोहराती हूं कि लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून की जरूरत है।’’

भाषा वैभव नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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