scorecardresearch
Saturday, 27 April, 2024
होमदेशखादी को बदलने वाले विनय सक्सेना अब बने दिल्ली के नए उप राज्यपाल, पढ़िए उनके बारे में

खादी को बदलने वाले विनय सक्सेना अब बने दिल्ली के नए उप राज्यपाल, पढ़िए उनके बारे में

विनय कुमार सक्सेना का जन्म 23 मार्च 1958 में हुआ था, विनय कानपुर विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. इनके पास पायलट का लाइसेंस भी है.

Text Size:

नई दिल्ली: हाल ही में दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बेजैल ने निजी कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद विनय कुमार सक्सेना ने इस पद को संभाला है. सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंग अनिल बैजल का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद विनय कुमार को दिल्ली का नया उप-राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

सक्सेना वर्तमान में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. राजस्थान में जेके ग्रुप के साथ बतौर सहायक अधिकारी अपने करियर की शुरुआत करने वाले सक्सेना को वर्ष 1995 में महाप्रबंधक बनाकर गुजरात में एक प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था

विनय कुमार सक्सेना का जन्म 23 मार्च 1958 में हुआ था, विनय कानपुर विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. इनके पास पायलट का लाइसेंस भी है.

दिल्ली के नए एलजी ने जेके ग्रुप के साथ राजस्थान में एक सहायक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था. वह व्हाइट सीमेंट प्लांट के साथ 11 साल साल कर चुके हैं. साल 1995 में गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखभाल के लिए महाप्रबंधक के तौर पर प्रमोट किया गया था. इसके बाद वह सीईओ बने और फिर धोलर पोर्ट प्रोजेक्ट के निदेशक बने.

अक्टूबर 2015 में विनय सक्सेना ने यहां अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के बाद खादी और ग्रामोद्योग में ‘हनी मिशन’, ‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना’, ‘चमड़े के कारीगरों के सशक्तिकरण’ जैसी कई नवीन योजनाओं और उत्पादों की शुरुआत की. उनकी कोशिश रही की इसे नए रूप में ढाला जाए.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

2015 में, मोदी के पहली बार प्रधान मंत्री के रूप में पद ग्रहण करने के एक साल बाद, सक्सेना को केवीआईसी का अध्यक्ष बनाया गया था.

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सक्सेना की नियुक्ति के बारे में बात करते हुए कहा, ‘पीएम मोदी खादी में सक्सेना के काम से प्रभावित हैं और जिस तरह से उन्होंने ब्रांड खादी को सिर्फ सात वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित किया है.’

दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री हमेशा अपनी विदेश यात्राओं के दौरान खादी भारत के कुछ सामान ले जाते हैं और उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों, दोस्तों और मेहमानों को उपहार के रूप में प्रस्तुत करते हैं. भारत के कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री का विजन था, जिसे सक्सेना ने लागू किया.’

पिछले वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खादी ने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली सभी भारतीय एफएमसीजी कंपनियों को पछाड़ दिया. संगठन की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2012-2013 के वित्तीय वर्ष के दौरान इसका कारोबार केवल 1,000 करोड़ रुपये था.

इसके अलावा पिछले साल सरकार न विनय सक्सेना को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय समिति के सदस्यों में से एक के रूप में नियुक्त किया था.

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘भारत के राष्ट्रपति को श्री विनय कुमार सक्सेना को उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त करते हुए प्रसन्नता हो रही है.’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सक्सेना की नियुक्ति का स्वागत किया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल के पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया.

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली के नवनियुक्त उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना जी का दिल्ली की जनता की तरफ से मैं हार्दिक स्वागत करता हूं. दिल्ली की बेहतरी के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की तरफ से पूर्ण सहयोग मिलेगा.’

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल रहे अनिल बैजल के साथ मिलकर दिल्ली में कई काम किए और समस्याओं को हल करने की कोशिश की.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वह (बैजल) एक बेहद अच्छे इंसान हैं. भविष्य के लिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करता हूं.’

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग के अचानक इस्तीफा देने के बाद 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल को दिसंबर 2016 में दिल्ली का 21वां उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था.

मधुपर्णा दास के इनपुट्स के साथ


यह भी पढ़ें : मंदिर या मस्जिद? नए सर्वे की जरूरत नहीं, बस सच्चाई को स्वीकार कर सुलह की ओर बढ़ें


 

 

share & View comments