scorecardresearch
गुरूवार, 3 जुलाई, 2025
होमदेशवाल्मीकि निगम घोटाले में अदालत के आदेश का जबरन श्रेय ले रहे हैं विजयेंद्र: यतनाल

वाल्मीकि निगम घोटाले में अदालत के आदेश का जबरन श्रेय ले रहे हैं विजयेंद्र: यतनाल

Text Size:

बेंगलुरु, तीन जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने वाल्मीकि निगम घोटाले में सीबीआई जांच संबंधी कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का श्रेय लेने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रमुख बी वाई विजयेंद्र का बृहस्पतिवार को मजाक उड़ाया और कहा कि इस याचिका और सुनवाई से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

यतनाल ने कहा कि रिट याचिका, जिसके आधार पर उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया, उनके साथ अन्य भाजपा नेताओं अरविंद लिंबावली, रमेश जारकीहोली और कुमार बंगारप्पा द्वारा दायर की गई थी, न कि विजयेंद्र ने दायर की थी।

यतनाल ने एक बयान में कहा, ‘‘यह हास्यास्पद और दुखद है कि विजयेंद्र, जिन्होंने घोटाले के खिलाफ हमारी पदयात्रा को रोकने की साजिश रची थी, अब उच्च न्यायालय के फैसले को अपने ‘संगठित संघर्ष’ का नतीजा बता रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विजयेंद्र को अब भाजपा कार्यकर्ताओं और कर्नाटक की जनता को स्पष्टीकरण देना होगा। ‘संगठित संघर्ष’ से उनका वास्तव में क्या तात्पर्य है।’’

अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए यतनाल ने कहा कि उसने विशेष जांच दल, प्रवर्तन निदेशालय और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को अब व्यापक जांच का काम सौंपा गया है।

अदालत को सौंपी गई सीबीआई की वस्तु स्थिति रिपोर्ट का हवाला देते हुए विजयपुरा के विधायक ने कहा कि केएमवीएसटीडीसीएल के खातों से 89.63 करोड़ रुपये अवैध रूप से चुनाव खर्च के लिए कई अन्य खातों में भेजे गए।

उन्होंने दावा किया कि बाद में इस राशि को 700 से अधिक बैंक खातों के माध्यम से सोने की छड़ों और महंगे वाहनों में बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि अदालत के निर्देशों से न्याय और दोषियों को कड़ी सजा मिलने की उम्मीद फिर से जगी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं फैसले का स्वागत करता हूं और विश्वास करता हूं कि दोषियों को सजा मिलेगी।’’

यतनाल ने आरोप लगाया कि जब वह भाजपा में थे और उन्होंने घोटाले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और पदयात्रा की योजना बनाई थी, तो विजयेंद्र ने ही इस पहल को विफल कर दिया था।

यतनाल ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारी पदयात्रा रद्द करवाने के लिए केंद्रीय नेताओं को झूठी शिकायतें देकर गुमराह किया। आज, यह बेतुका है कि वही व्यक्ति उस याचिका के नतीजे का जश्न मना रहा है जिसमें उसका कोई हाथ नहीं था।’’

विजयपुरा के विधायक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए भाजपा से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि वह पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और उनके बेटों विजयेंद्र और बी वाई राघवेंद्र के खिलाफ मुखर थे।

भाषा देवेंद्र सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments