तिरुवनंतपुरम, 20 अगस्त (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने असम पुलिस द्वारा दो वरिष्ठ पत्रकारों को राजद्रोह के आरोप में तलब किए जाने की बुधवार को कड़ी निंदा की और इस कदम को ‘फासीवादी प्रवृत्ति’ का हिस्सा बताया।
वामपंथी नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र की आधारशिला है।
विजयन ने पोस्ट किया, ‘असम पुलिस द्वारा बीएनएस की कठोर धारा 152 ( भारत की संप्रभुता,, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला कार्य) के तहत प्रख्यात पत्रकार करण थापर और सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी की कड़ी निंदा करता हूं। यह कदम स्वतंत्र पत्रकारिता – जो लोकतंत्र की नींव है – को चुप कराने का प्रयास है। यह एक फासीवादी प्रवृत्ति का हिस्सा है। लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होकर सच्चाई की बुलंद आवाज़ के साथ खड़ा होना चाहिए।’
नोटिस के अनुसार, गुवाहाटी पुलिस ने राजद्रोह के आरोप में दर्ज एक मामले के संबंध में वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन और करण थापर को तलब किया है।
डिजिटल मीडिया ‘द वायर’ से जुड़े दोनों पत्रकारों को 22 अगस्त को गुवाहाटी पुलिस की अपराध शाखा के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
भाषा
नोमान नरेश
नरेश
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