कासरगोड (केरल), 21 अप्रैल (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह दक्षिणी राज्य का ‘विनाश’ देखना चाहती है और राज्य के अस्तित्व को बचाने के प्रयासों के प्रति नकारात्मक रुख अपना रही है।
विजयन ने कहा कि राज्य को हाल के दिनों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें सदी की सबसे भीषण बाढ़ और वायनाड में भूस्खलन की त्रासदी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने केरल के कासरगोड जिले में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राज्य को संकट के समय में सहारा दे और उसे संभालने में मदद करे, लेकिन दुर्भाग्यवश उसने किसी भी स्तर पर केरल को कोई सहायता नहीं दी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘केंद्र ने राज्य के प्रति पूरी तरह से नकारात्मक रुख अपनाया है। उसने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके दूसरों द्वारा दी जा रही सहायता को भी रोकने की कोशिश की।’
विजयन ने आरोप लगाया, ‘केंद्र की सोच यह थी कि केरल टूट जाए तथा और भी बर्बाद हो जाए।’
वामपंथी नेता ने कहा कि जब कुछ साल पहले केरल में भयंकर बाढ़ आई थी, तब पूरी दुनिया को चिंता थी कि केरल इस तबाही से कैसे उबरेगा, लेकिन जिस तरह केरल ने उस संकट का सामना किया और उससे उबरा, उसने न सिर्फ देश को, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया।
उन्होंने कहा, ‘हम इस संकट से कैसे उबर पाए? इसका एक ही कारण है – हमारे राज्य और लोगों की एकता। यही हमारी ताकत बन गई है, जो हमें हर मुश्किल और चुनौती का सामना करने की शक्ति देती है।’
विजयन ने कहा, ‘हालांकि केंद्र सरकार ने केरल के ‘विनाश’ की कामना की और इसके लिए नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया, फिर भी केरल नहीं टूटा।’
भाषा योगेश मनीषा
मनीषा
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