भोपाल, 15 मई (भाषा) कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख जीतू पटवारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में राज्य के मंत्री विजय शाह की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उनसे (शाह से) इस्तीफा मांगना चाहिए।
दूसरी ओर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि शाह की मानसिकता ‘भाजपा की ट्रोल आर्मी’ जैसी है और प्रधानमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्हें मंत्री की टिप्पणी उचित लगी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पत्रकार वार्ता के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ सशस्त्र बलों का एक प्रमुख चेहरा रही कुरैशी के बारे में विजय शाह की टिप्पणी के बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर इंदौर में उनके(शाह के) खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पटवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने देश और दुनिया को दो महत्वपूर्ण संदेश दिए। पहला, 140 करोड़ भारतीय एकजुट हैं और दूसरा, 140 करोड़ भारतीय सेना के साथ खड़े हैं। लेकिन भाजपा ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया कि मध्यप्रदेश में आपके मंत्री विजय शाह ने जिस तरह से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए सीमाएं लांघी और नफरत फैलाने की कोशिश की, वह सही नहीं है।’’
उन्होंने दावा किया कि उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस को चार घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया, लेकिन इसमें आठ घंटे लग गए।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अब यह बदजुबानी करने वाले मंत्री उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करके न्याय पाने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि बर्खास्त करने के बजाय भाजपा उन्हें बचाने की साजिश कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भाजपा मंत्री से इस्तीफा देने या उन्हें मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करने के लिए कहना चाहिए, ताकि पूरी दुनिया को यह संदेश दिया जा सके कि सशस्त्र बलों का सम्मान देश के लिए सर्वोच्च है।
पटवारी ने कहा, ‘‘उनका बचाव करने के बजाय भारतीय जनता पार्टी को उनका इस्तीफा ले लेना चाहिए। यह उन राजनेताओं के लिए एक उदाहरण बनेगा जो बकवास करते रहते हैं और सजा नहीं पाते।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आदमपुर वायुसेना स्टेशन के दौरे के दौरान कहा था कि सरकार और देश का हर व्यक्ति सेना के साथ खड़ा है, इसके बावजूद शाह के बयान के बाद न तो प्रधानमंत्री और न ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कोई कार्रवाई की।
पटवारी ने कहा कि देश प्रधानमंत्री की कथनी और भाजपा की करनी में अंतर देख रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक शाह को बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक कांग्रेस सेना के सम्मान के लिए (इस मुद्दे पर) लड़ती रहेगी।
मीडिया और शोध के प्रभारी प्रदेश कांग्रेस महासचिव अभय तिवारी ने बताया कि जब विजय शाह ने 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री (और वरिष्ठ भाजपा नेता) शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, तो उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘‘अब जब उन्होंने सेना पर बेशर्मी से टिप्पणी की है, तो भाजपा चुप है। क्या यही उनका राष्ट्रवाद है?’’
वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने कहा कि शाह की मानसिकता ‘‘भाजपा की ट्रोल आर्मी’’ जैसी है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी सत्तारूढ़ पार्टी उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं में हर मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम करने की होड़ लगी हुई है…यह सिर्फ शाह की मानसिकता नहीं है। यह भाजपा की ‘ट्रोल आर्मी’ की मानसिकता है। शाह ने जो कुछ भी कहा है, वह भाजपा की संघी (आरएसएस) विचारधारा को दर्शाता है।’’
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे शाह के विवादास्पद बयान को उचित मानते हैं।
भाषा दिमो
राजकुमार
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