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Sunday, 17 November, 2024
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शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव विधानसभा ने संबंधित समिति के पास भेजा

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(छठे पैरा से तारीख हटाते हुए)

कोलकाता, 17 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव बृहस्पतिवार को स्वीकार कर लिया। अधिकारी ने सदन में उनके भाषण में व्यवधान डालने के लिए भारतीय जनता पार्टी के चार बागी विधायकों को आयकर के छापों की कथित तौर पर धमकी दी थी।

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने पर घोषणा की कि सदन ने अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव स्वीकार किया और इसे विशेषाधिकार समिति को भेजा जा रहा है।

सत्ता पक्ष ने मेजें थपथपाकर इस घोषणा का स्वागत किया जबकि भाजपा विधायकों ने विरोध किया। इसके बाद राज्य के बजट पर चर्चा शुरू हुई जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों ने भाग लिया।

विधानसभा अध्यक्ष ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “चार विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दो आरोपों का हवाला देते हुए मुझे एक संयुक्त पत्र भेजा था। मैंने आज सुबह रिकॉर्ड की जांच की और प्रथम दृष्टया आरोपों को सही पाया।”

बनर्जी ने कहा, “प्रथम दृष्टया एक मामला है। यह अभूतपूर्व और दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष का एक नेता सदन में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करे। राज्य विधानमंडल में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान मैंने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा है। यह एक अपराध है।”

उन्होंने कहा कि समिति चालू सत्र के खत्म होने से पहले अपनी रिपोर्ट देगी।

भाजपा के चार बागी विधायकों कृष्णा कल्याणी (रायगंज), तन्मय घोष (विष्णुपुर), सौमेन रॉय (कालियागंज) और विश्वजीत दास (बागडा) सदन की सदस्यता से इस्तीफा दिए बगैर पिछले साल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्हें दल-बदल रोधी कानून के तहत अभी तक अयोग्य घोषित नहीं किया गया है। ये विधायक अब भी विपक्षी सदस्यों के लिये निर्धारित सीटों पर ही बैठते हैं।

बुधवार को जब अधिकारी गृह विभाग के बजट पर सदन में बोल रहे थे तो चारों विधायक, ‘‘राज्य सरकार के खिलाफ झूठ बोलने के लिए’’ बार-बार उन्हें टोक रहे थे। जब नाराज दिख रहे अधिकारी सदन से बाहर जा रहे थे तो उन्होंने उनके भाषण में व्यवधान डालने के लिए उन्हें कथित तौर पर आयकर छापे पड़वाने की धमकी दी।

बाद में चारों विधायकों ने अध्यक्ष से शिकायत की जिन्होंने शिकायत पर संज्ञान लिया। अध्यक्ष ने कहा कि चारों विधायकों को सदन के नियमों के अनुसार सुरक्षा दी जाएगी।

अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताया और पत्रकारों से कहा, ‘‘जिस तरीके से सत्तारूढ़ पार्टी दल बदलू विधायकों का इस्तेमाल कर मेरे भाषण के दौरान बाधा डालने की कोशिश कर रही थी वह अभूतपूर्व है। पहले उन्हें आरोप साबित करने दीजिए, उन्हें विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने दीजिए।’’

एक बागी विधायक सौमेन रॉय ने सदन के बाहर यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी ने उन्हें गोली मारने की धमकी दी थी।

उन्होंने दावा किया, “उन्होंने मुझे गोली मारने की भी धमकी दी। लेकिन मैंने विधानसभा में इसका उल्लेख नहीं किया।”

राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, चारों विधायकों को पुलिस की अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही है। अध्यक्ष से भी अनुरोध किया गया है कि इन विधायकों को सदन में अलग सीटें दी जाए। फिलहाल ये विधायक विपक्ष के विधायकों के लिए तय सीटों पर ही बैठते हैं।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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