नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले रविवार को नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
धनखड़ ने नए संसद भवन के “गज द्वार” के ऊपर झंडा फहराया. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी मौजूद रहे. राज्यसभा के सभापति ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि देश युगांतकारी बदलाव का गवाह बन रहा है.
समारोह के बाद धनखड़ ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक पल है. भारत युग परिवर्तन का गवाह बन रहा है. दुनिया भारत की शक्तिशाली शक्ति और योगदान को पूरी तरह से पहचान रही है. हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जहां हम विकास, ऐसी उपलब्धियां देख रहे हैं जिनके बारे में हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था…”
ध्वजारोहण समारोह में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, पीयूष गोयल, अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और प्रमोद तिवारी भी मौजूद थे.
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने “काफी देर से” निमंत्रण मिलने पर निराशा व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा था कि वे ध्वजारोहण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे.
उन्होंने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें समारोह का निमंत्रण 15 सितंबर की देर शाम को ही मिला है.
खड़गे ने अपने पत्र में कहा, “मैं यह पत्र इस निराशा के साथ लिख रहा हूं कि कल 15 सितंबर, 2023 को नई संसद भवन में ध्वजारोहण समारोह के लिए आपका निमंत्रण मुझे काफी देर शाम को मिला है.”
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने आगे कहा कि वे फिलहाल 16 और 17 सितंबर को नवगठित कांग्रेस कार्य समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए हैदराबाद में हैं और रविवार देर रात दिल्ली लौटेंगे.
खरगे ने कहा, “कल सुबह होने वाले समारोह में शामिल होना मेरे लिए संभव नहीं होगा.”
मौजूदा संसद भवन के बगल में बने नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. सोमवार से शुरू होने वाले विशेष सत्र में संसदीय कार्यवाही नए संसद भवन में स्थानांतरित हो जाएगी.
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