शिमला, 30 सितंबर (भाषा) विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की हिमाचल प्रदेश इकाई ने सोमवार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से वक्फ अधिनियम को निरस्त करने का आग्रह किया और दावा किया कि यह अधिनियम सिर्फ मुस्लिम मतदाताओं का तुष्टीकरण करने के लिए बनाया गया है।
हिमाचल प्रदेश में विहिप के राज्य सचिव तुषार डोगरा ने आरोप लगाया कि मुस्लिम मतदाताओं की तुष्टीकरण तथा हिंदुओं और सरकार की संपत्ति मुसलमानों को सौंपने के लिए वक्फ अधिनियम बनाया गया और फिर उसमें संशोधन किया गया।
वह यहां एनजीओ उमंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
यह मांग ऐसे समय में आई है जब इस मुद्दे पर सरकारी स्तर पर चर्चा की जा रही है। सरकार ने पिछले महीने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था और इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था।
यहां जारी एक बयान में डोगरा ने कहा, “1995 में देश में वक्फ बोर्ड के पास केवल चार लाख एकड़ जमीन थी। लेकिन इस कठोर कानून के कारण उनके पास अब नौ लाख एकड़ से अधिक जमीन है।’’
उन्होंने दावा किया कि वक्फ अधिनियम वक्फ बोर्ड को बिना कोई दस्तावेज दिखाए किसी भी सार्वजनिक और निजी संपत्ति पर दावा करने का अधिकार देता है और स्वामित्व साबित करने का दायित्व वास्तविक मालिक पर होता है।
विहिप नेता ने कहा कि इन मामलों को लेकर किसी भी विवाद की सुनवाई न्यायपालिका द्वारा नहीं बल्कि केवल वक्फ न्यायाधिकरण द्वारा की जाती है।
भाषा
नोमान धीरज
धीरज
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