नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने अपनी युवा विंग, बजरंग दल और महिला विंग, दुर्गा वाहिनी से कहा है, कि लव जिहाद के मामलों पर नज़र रखें, और हिंदू परिवारों को इस बारे में शिक्षित करने के लिए, उनके बीच जागरूकता अभियान चलाएं.
वीएचपी, जो आरएसएस से संबद्ध है, ‘लव जिहाद’ के मामलों को रोकने के लिए, क़ानून बनाने पर ज़ोर देती आ रही है, और इस साल अक्तूबर में उसने ये मांग भी की थी, कि इस प्रथा को रोकने के लिए, मोदी सरकार एक ‘कड़ा’ क़ानून लेकर आए.
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘ये एक गंभीर समस्या है जिसपर ध्यान दिया जाना चाहिए. जहां तक वीएचपी का सवाल है, हमने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो अपनी आंख और कान खुले रखें, और अगर उन्हें ऐसे मामले नज़र आएं, तो उन्हें हमारे संज्ञान में लाएं. साथ ही हमने उनसे ये भी कहा है, कि ऐसे मामलों की शिकार महिलाओं की सहायता करें’.
वीएचपी सूत्रों ने कहा कि उसने बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी, दोनों से कहा है कि हिंदू परिवारों को ‘शिक्षित’ करें, और उन्हें ‘जागरूक’ करें कि ‘लव जिहाद’ क्या है, और इसके बारे में लिटरेचर वितरित करें.
एक सीनियर वीएचपी लीडर ने कहा, ‘पहले हिंदू परिवारों को बताना है, कि ‘लव जिहाद’ क्या है. कुछ ऐसे ख़ास तरीक़े हैं जिनसे जवान भोली-भाली महिलाओं को लुभाया जाता है. बहुत से मामलों में, वो अपनी अस्ली पहचान तक छिपा लेते हैं, और शादी करने के बाद मुसलमान उनके साथ बुरा बर्ताव करते हैं. इसके साथ ही वो लोगों को, ऐसे मामलों के लिखित सबूत भी दिखाएंगे. पिछले कुछ महीनों में हमने ऐसे बहुत से मामले जमा किए हैं, जो उम्मीद है कि इन्हें रोकने का काम करेंगे’.
सितंबर में, वीएचपी ने अपनी पत्रिका में तथाकथित ‘लव जिहाद’ के 147 मामलों की सूची जारी की थी, जो 2011 और 2020 के बीच हुए थे. कुछ ताज़ा मामले उत्तर प्रदेश से थे.
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सेक्युलर लॉबी ‘लव जिहाद’ को प्रेम विवाह दिखाना चाह रही
वीएचपी सूत्रों ने कहा, कि उसकी सभी इकाइयों से कहा गया है, कि अपनी-अपनी सरकारों पर दबाव बनाकर सुनिश्चित करें, कि वो ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक क़ानून बनाएं.
बंसल ने कहा, ‘तथाकथित सेक्युलर लॉबी, ‘लव जिहाद’ को प्रेम विवाह या अंतर्जातीय विवाह की तरह दिखाने की कोशिश कर रही है. हम प्रेम विवाह या अंतर्जातीय विवाहों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन (सिर्फ) अगर उसमें कोई धार्मिक एंगल है, और धर्मांतरण की ज़रूरत है, तो वो अनैतिक और अवैध है’.
उन्होंने ये भी दावा किया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आश्वासन दिया है, कि चूंकि उनके राज्य में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक क़ानून है, इसलिए वो अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने की, इसकी पिछली स्कीम को रद्द कर देंगे, जिसके तहत ऐसे जोड़ों को 50,000 रुपए दिए जाते हैं.
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