scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशवीएचपी की भारत में निज़ामुद्दीन मरकज़ व तबलीगी जमात को प्रतिबंधित करने की मांग

वीएचपी की भारत में निज़ामुद्दीन मरकज़ व तबलीगी जमात को प्रतिबंधित करने की मांग

भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तबलीगी जमात के आर्थिक स्रोतों जैसे बैंक खातों और कार्यालयों को बंद किया जाए. साथ ही वीएचपी ने संबंधित दोषी अधिकारियों पर भी विभागीय कार्यवाई किए जाने की बात कही है. 

Text Size:

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने तबलीगी जमात व निजामुद्दीन मरकज से देशभर में फैले कोरोना वायरस के चलते इनपर पूरी तरह से प्रतिबंद लगाने की मांग की है. परिषद ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथी व आतंक का पोषक बताते हुए देश में पूर्ण प्रतिबन्ध की बात कही है. वहीं दूसरी तरफ वीएचपी केंद्र व राज्य सरकार से मिलकर कोरोनावायरस महामारी के संकट के बीच जरूरतमंद लोगों के बीच राहत कार्य करने में जुटी है. वीएचपी के महामंत्री मिलिंड पराण्डे ने कहा , ‘लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों को भोजन और राशन उपलब्ध कराने के काम में जुटी है.’

तबलीगी जमात के बैंक खातों और कार्यालयों को बंद किया जाए

गौरतलब है कि वीएचपी केंद्रीय संयुक्त महा-सचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तबलीगी जमात के आर्थिक स्रोतों जैसे बैंक खातों और कार्यालयों को बंद किया जाए. साथ ही वीएचपी ने संबंधित दोषी अधिकारियों पर भी विभागीय कार्यवाई किए जाने की बात कही है.

वीएचपी ने आगे कहा है, ‘आठ दिन के लाकडाउन के कठिन परिश्रम के बाद पूरा देश राहत की सांस ले रहा था. कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर मात्र 2.8 रह गई थी. तभी अचानक 30 मार्च को मरकज निजामुद्दीन में कोरोनावायरस संक्रमितों का भयंकर विस्फोट हुआ.’

‘वहां से 2300 से अधिक तबलीगियों को निकाला गया जिनमें से 500 कोरोना पीड़ित थे और 1800 को क्वारंटाइन करना पड़ा. 9 हजार से अधिक तबलीगी पूरे देश में कोरोना वायरस फैला रहे हैं. 31 तारीख को वृद्धि दर अचानक बढ़कर 43.02% हो गई. सारा देश सकते में आ गया है.’

वो आगे जोड़ते हैं, ‘मस्जिदों-मदरसों में छिपे हुए देशी-विदेशी संक्रमित मौलवियों की धरपकड़ होने लगी है. लेकिन इनके कारण ही सामुदायिक संक्रमण की संभावनाएं बढ़ गई हैं. 14-15 मार्च को मुंबई में 2 से 3 लाख तबलीगीयों का इज्तेमा होना वाला था. वीएचपी के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया. अगर वह हो जाता तो पहले से ही कोरोना में नंबर एक पर महाराष्ट्र के साथ पूरे देश की स्थिति क्या होती इसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती.’

डॉक्टर जैन ने कहा है, ‘इस घोर अपराध के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की बजाय संक्रमित मौलवियों को छुपाया गया और बस्तियों में ढूंढने गए स्वास्थ्यकर्मियों व पुलिस अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. क्वारंटाइन किए गए तबीलीगियों ने नर्सों के साथ अश्लील हरकतें की और डॉक्टरों पर थूका. पूरे देश के मौलवियों ने मुस्लिम समाज को भड़काने वाले भाषण दिए.’

अपनी मांगों की सूचि जारी करते हुए वीएचपी ने कहा है कि भारत में निजामुद्दीन मरकज और तबलीगी जमात पर पूर्ण बैन किया जाए. इनसे जुडे़ बैंक खातों को सील किया जाए. इनके आर्थिक स्रोतों की जानकारी लेकर इन्हें भी बंद किया जाए. साथ में ये बताया जाए कि क्या मरकज़ ने इज्तेमा में भाग लेने वाले विदेशियों की सूची विदेश व गृह मंत्रालय को देकर स्वीकृति ली थी? साथ ही वीएचपी ने सवाल भी पूछे हैं कि टूरिस्ट वीजा पर जेहादी प्रशिक्षण व कट्टर इस्लाम का प्रचार करने वाले मौलवीयों पर निगरानी क्यों नहीं रखी गई?

15 हजार कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर लोगों की मदद को उतरी वीएचपी

वीएचपी ने केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के साथ मिलकर कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए राज्य स्तर पर एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. ये हेल्पलाइन 26 मार्च से ही लोगों तक मदद पहुंचा रही है. मध्यप्रदेश, गुजरात व पंजाब जैसे राज्यों में ये हेल्पलाइन जिलास्तर पर भी शुरू की गई है.

पराण्डे ने बताया कि इसके अलावा वीएचपी, ‘देशव्यापी अन्य संगठनों के माध्यम से भी मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है. 2 अप्रैल तक की जानकारी के मुताबिक अब तक सात लाख लोगों को भोजन के पैकेट बांटे जा चुके हैं. एक लाख से अधिक परिवारों को राशन दिया गया है. इसमें पंद्रह हजार से अधिक कार्यकर्ता लगे हुए हैं. इसके साथ चालीस हजार से अधिक लोगों को मास्क और सैनिटाइजर भी वितरित किए हैं.’

share & View comments