मंगलुरु, 28 मई (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता शरण पंपवेल को एक माह पूर्व के कथित भड़काऊ भाषण, सांप्रदायिक तनाव भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया और फिर उन्हें अदालत ने जमानत दे दी।
मामले की विस्तृत सुनवाई बुधवार को होनी है।
पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी एक मई, 2025 को बाजपे पुलिस थाना क्षेत्र में विहिप कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या होने के बाद के घटनाक्रम को लेकर थी।
मंगलुरु पुलिस द्वारा मंगलवार रात जारी विज्ञप्ति के अनुसार, 2 मई, 2025 को रात करीब एक बजे मंगलुरु पूर्व पुलिस थाना क्षेत्र के कुंटिकान स्थित ए.जे. अस्पताल के शवगृह में सुहास शेट्टी के शव का पोस्टमार्टम किया गया था।
आरोप है कि उसी रात अस्पताल परिसर के बाहर विहिप नेता शरण पंपवेल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था कि सुहास शेट्टी की हत्या ‘जिहादी इस्लामी आतंकवादियों’ ने की है और इसमें प्रतिबंधित संगठन पीएफआई सीधे तौर पर शामिल था।
पंपवेल ने यह भी घोषणा की कि विहिप और अन्य हिंदू संगठन विरोध स्वरूप 2 मई, 2025 को सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक दक्षिण कन्नड़ में जिलाव्यापी बंद रखेंगे। उन्होंने लोगों से दुकानें, कार्यालय व अन्य प्रतिष्ठान बंद रखने का आग्रह किया था।
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब लोगों ने बंद का समर्थन नहीं किया तो पंपवेल के समर्थकों ने मंगलुरु के विभिन्न हिस्सों में तोड़फोड़ की और जबरन दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करवाने के प्रयास किए। इससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा, सांप्रदायिक तनाव बढ़ा और सार्वजनिक शांति भंग हुई।
इस मामले में मंगलुरु पूर्व पुलिस थाने में पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए विहिप नेता शरण पंपवेल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 49, 196(1), 324(2), 324(4), 324(5), और 353(2) के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
मंगलुरु के पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने बताया कि जांच के दौरान साक्ष्य जुटाए गए। पंपवेल को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत पूछताछ के लिए दो नोटिस दिए गए लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए और उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया। अतः 27 मई, 2025 (मंगलवार) को कादरी पुलिस ने पंपवेल को हिरासत में लेकर पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर उन्हें मजिस्ट्रेट के आवास पर, उनके समक्ष पेश किया।
मजिस्ट्रेट ने रात्रि में ही पंपवेल को जमानत दे कर उन्हें रिहा करने के आदेश दिये और मामले की विस्तृत सुनवाई बुधवार को निर्धारित की है।
पुलिस के अनुसार, मामले में आगे की जांच जारी है।
पंपवेल की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही विहिप कार्यकर्ता और अन्य लोग भारी वर्षा के बीच थाने पहुंचे और उनकी रिहाई की मांग की। इससे क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया।
पंपवेल की गिरफ्तारी का विहिप के साथ-साथ भाजपा एवं अन्य हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने रात को हुई पंपवेल की गिरफ्तारी को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का ‘इस्लामी जेहादियों के सामने आत्मसमर्पण’ बताते हुए इसे ‘तानाशाही और घृणित कार्रवाई’ करार दिया।
बंसल ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्य में हिंदुओं की हत्या रोकने में विफल रही है और अब हिंदुओं के हितों की बात करने वाले शरण पंपवेल जैसे वरिष्ठ नेता को सिर्फ जेहादियों को खुश करने के लिए गिरफ्तार किया गया। उन्होंने अदालत द्वारा इस मामले में पंपवेल को जमानत दिये जाने पर संतोष व्यक्त किया।
वरिष्ठ भाजपा नेता कैप्टन गणेश कार्णिक ने भी विहिप नेता पंपवेल की गिरफ्तारी को एक ‘साजिश’ बताया है।
विहिप समेत अनेक हिंदू संगठनों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि इस गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
भाषा, इन्दु नरेश मनीषा
नरेश
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