मुंबई, 30 मई (भाषा) जासूसी के आरोप में गिरफ्तार महाराष्ट्र के ठाणे के इंजीनियर ने युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को रेखाचित्रों, मानचित्रों एवं ऑडियो नोट के माध्यम से साझा की तथा बदले में भारत और विदेश में विभिन्न बैंक खातों से धन प्राप्त किया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पड़ोसी ठाणे के कलवा निवासी 27 वर्षीय मेकेनिकल इंजीनियर रवींद्र वर्मा को महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बुधवार को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, फेसबुक पर खुद को महिला के रूप में पेश कर एक पाकिस्तानी एजेंट ने उसे अपने जाल में फंसाया था।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जांच के दौरान यह बात सामने आई कि वर्मा ने जानबूझकर कई बार संवेदनशील जानकारी साझा की। जानकारी के बदले में उसे भारत और विदेश के विभिन्न बैंक खातों से पैसे मिले।’’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह पाया गया कि उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) को विभिन्न युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में जानकारी साझा की थी।
उन्होंने कहा कि वर्मा एक रक्षा प्रौद्योगिकी फर्म में कनिष्ठ अभियंता के रूप में काम करता था और अपने काम के कारण उसकी दक्षिण मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड तक पहुंच प्राप्त थी। उन्होंने बताया कि वह नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों पर भी जाता था।
अधिकारी ने बताया, ‘‘नौसेना डॉकयार्ड के दौरे के दौरान उसे अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी। इसलिए वहां अपना काम खत्म करने के बाद वह युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में स्केच बनाकर संवेदनशील जानकारी साझा करता था। कभी-कभी वह ऑडियो नोट के जरिए भी जानकारी साझा करता था।’’
उन्होंने बताया कि एटीएस को संदेह है कि उसने पाकिस्तानी एजेंट को पनडुब्बियों और युद्धपोतों के नाम भी बताए थे।
उन्होंने बताया कि वर्मा नवंबर 2024 से पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था।
अधिकारी ने बताया कि उसे 2024 में फेसबुक पर पायल शर्मा और इसप्रीत नाम के अकाउंट वाले उपयोगकर्ता से ‘फ्रेंड रिक्वेस्ट’ मिली थी, जिसे उसने स्वीकार कर लिया था।
उन्होंने बताया कि उनसे बातचीत करते समय, खुद को महिला के रूप में पेश करने वाले इन दोनों अकाउंट उपयोगकर्ताओं ने शुरू में बताया कि वे भारत से हैं और एक परियोजना पर काम कर रही हैं जिसके लिए युद्धपोतों के बारे में जानकारी की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि कुछ बातचीत के बाद, उन्होंने उसे जाल में फंसा लिया और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील जानकारी हासिल करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि वर्मा सभी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी गुर्गों के साथ साझा करता था।
अदालत ने उसे सोमवार तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया है।
भाषा
देवेंद्र सुभाष
सुभाष
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